भारत की प्रति 10 लाख कम मृत्युदर Covid-19 संकट से निपटने में अहम

चार महीने से अधिक समय तक कोरोनोवायरस (CoronaVirus Covid-19) के प्रकोप से लड़ने के बाद, भारत दुनिया में प्रति 10 लाख सबसे कम बढ़ती मौतों वाले देश में से एक है. हालांकि, भारत में पुष्टि किए गए मामलों ने अब तक 2,415 मौतों के साथ 74,000 का आंकड़ा पार कर

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
corona virus

corona virus( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

चार महीने से अधिक समय तक कोरोनोवायरस (CoronaVirus Covid-19) के प्रकोप से लड़ने के बाद, भारत दुनिया में प्रति 10 लाख सबसे कम बढ़ती मौतों वाले देश में से एक है. हालांकि, भारत में पुष्टि किए गए मामलों ने अब तक 2,415 मौतों के साथ 74,000 का आंकड़ा पार कर लिया है. कई विकसित देशों और विशेष रूप से चीन के साथ तुलना में भारत की सामाजिक-जनसांख्यिकीय विशेषताओं का फेवरेवल हैं. चीन में 84,451 मामले और 4,644 मौतों रिपोर्ट हुई हैं.

और पढ़ें: परिवार का पेट भरने के लिए साइकिल पर सब्जी बेचने को मजबूर थी बेटी, पुलिसवालों ने दिया ये गिफ्ट

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) द्वारा कोविड-19 पर जारी एक डेटा-सेट के अनुसार, 7 मई को, भारत में प्रति मिलियन में संचयी मृत्यु 1.29 है, जो कि कई देशों की तुलना में बहुत कम है - यूएस (196.97), चीन (3.23), फ्रांस (394.91), यूके (443.04), स्वीडन (291.21), इटली (490.85), स्पेन (553.06), जर्मनी (84.97) आदि. वहीं भारत में मामलों पर मृत्युदर (सीएफआर) भी सबसे कम 3.2 प्रतिशत है.

अध्ययन के अनुसार, पहले 30 दिनों में प्रति मिलियन मौत पहले 30 दिनों में हुई मौतों की कुल संख्या का एक अंश है (दिन 1 की गणना उस दिन से की जाती है जब किसी दी गई जनसंख्या में पहला कोविड-19 मामला दर्ज किया गया था).

ये भी पढ़ें: रोग रोकथाम रणनीतियों से बदल सकता है कि Virus का विकास क्रम : Study

पीएचएफआई के अध्यक्ष प्रो. के. श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि प्रति मिलियन जनसंख्या पर होने वाली मौतें एक निश्चित संकेतक प्रदान करती हैं, जो केस प्रबंधन में स्वास्थ्य प्रणाली की क्षमता के साथ-साथ जनसंख्या-आधारित रोकथाम उपायों की दक्षता को पकड़ती है. साथ ही यह दरों के परीक्षण के लिए असुरक्षित भी नहीं है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की मृत्युदर अमेरिका या यूरोप से कम है, और कम रहना निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत है. अमेरिका और यूरोप भारत के रूप में एक ही समय के आसपास शुरू हुआ, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया की रणनीति अलग और धीमी गति से शुरू हुई. उन्होंने कहा कि भारत के नियंत्रण के उपाय पहले शुरू हुए थे.

रेड्डी ने कहा, 'हमारे पास युवा आबादी है, जो वायरस का सामना बेहतर ढंग से कर सकती है. हमारे पास बहुत अधिक ग्रामीण आबादी है जो शहरी आबादी की तुलना में कम गतिशील है. इससे हमारे यहां प्रसार कम और धीमा है. वायरस की संक्रामकता दर (आरओ) कम गतिशीलता वाली ग्रामीण आबादी की तुलना में अधिक गतिशीलता वाली शहरी आबादी में अधिक है.'

और पढ़ें: Corona संक्रमण कैसे बनता है मौत का कारण: वैज्ञानिकों ने लगाया पता

रेड्डी ने जोर देकर कहा कि भारत में, अधिकारियों को बारीकी से निगरानी करनी होगी कि लॉकडाउन आसान होने के साथ वायरस कैसे फैलता है. "हमें अभी भी उम्मीद है कि हमारे सामाजिक-जनसांख्यिकीय और जलवायु कारक हमें चीनी स्तरों से नीचे रखेंगे."

भारत में जनवरी के अंत में पहले कोविड-19 मामले की सूचना दी थी. यहां अब तक कुल 74,281 पुष्ट मामले हैं और 2,415 मौतें हुई हैं.

covid-19 corona-virus coronavirus-updates coronavirus-covid-19 Death Rate corona death in india
Advertisment
Advertisment
Advertisment