LAC पर जारी तनाव को लेकर भारत-चीन (India-China) के बीच एक बार फिर मंगलवार को कॉर्प्स कमांडर स्तर की तीसरी मीटिंग होगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लद्दाख के चुशुल में सुबह साढ़े 10 बजे बैठक होगी. भारत वाले हिस्से में यह बैठक होगी, जबकि इससे पहले की दो बैठकें चीन वाले हिस्से मोल्दो में हुई थीं. इस बैठक में दोनों पक्ष तनाव को कम करने को लेकर चर्चा करेंगे और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जरूरी क़दमों पर सहमति बनाने का प्रयास करेंगे.
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सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन की सेना के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चौथी बैठक मंगलवार को होगी. इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने के कदमों पर चर्चा होगी. वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र चुशूल में यह बैठक होगी.
चीन के विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान- हम सीमा पर शांति चाहते हैं, लेकिन...
एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर भारत-चीन (India-China) के बीच लगातार बातचीत जारी है. इसे लेकर चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि हम सीमा पर शांति चाहते हैं. सीमा पर जल्दी ही सैन्य सहमति को लागू करेंगे. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है और आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हटाया गया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की, जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के जल्द से जल्द पीछे हटने पर सहमत हुए. डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस वार्ता को ‘खुली और विचारों का व्यापक आदान-प्रदान’ करार दिया तथा कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को ‘तेजी से’पूरा करना चाहिए. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आठ सप्ताह से गतिरोध जारी है.
Corps Commander-level talks between India and China to be held tomorrow at Chushul in Eastern Ladakh. The talks will focus mainly on the second phase of disengagement along the Line of Actual Control (LAC): Indian Army officials pic.twitter.com/rkAcFevKiH
— ANI (@ANI) July 13, 2020
चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों का पूरी तरह पीछे हटना और सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव में कमी सुनिश्चित करना आवश्यक है.
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इसने कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी से पीछे हटने की जारी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना चाहिए और भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों को चरणबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल और वांग ने दोहराया कि दोनों पक्षों को एलएसी का पूरा सम्मान एवं इसका कड़ा अनुसरण सुनिश्चित करना चाहिए तथा यथास्थिति को बदलने के लिए कोई ‘एकतरफा कार्रवाई’ नहीं करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचना चाहिए जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरिता को नुकसान पहुंचने की आशंका हो.
भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच गत 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरे दौर की वार्ता हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए ‘प्राथमिकता’ के रूप में तेजी से और चरणबद्ध तरीके से कदम उठाने पर सहमत हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की वार्ता छह जून को हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया था जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से होनी थी.
हालांकि, स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए. झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं. इस घटना के बाद दोनों देशों ने एलएसी से लगते अधिकतर क्षेत्रों में अपनी-अपनी सेनाओं की तैनाती और मजबूत कर दी.
Source : News Nation Bureau