मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukherjee) की जमानत याचिका पर 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है. इंद्राणी ने करीब छह महीने पहले विशेष न्यायाधीश जे सी जगदले के समक्ष स्वास्थ्य आधार पर जमानत याचिका दायर की थी और यह जमानत मांगने की उसकी चौथी कोशिश है.
इंद्राणी के वकील तनवीर अहमद ने शनिवार को दलील दी कि वह घातक बीमारी से जूझ रही है और उसकी हालत बिगड़ रही है. उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब उसकी जमानत याचिका खारिज की गई थी तब से अब हालात बदल गए हैं. अहमद ने अभियोजन पक्ष के उस दावे का विरोध किया कि इंद्राणी को अगर जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकती है.
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उन्होंने कहा कि अदालत एक निश्चित अवधि के लिए उसे अंतरिम जमानत दे सकती है. इससे पहले, अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि सितंबर 2018 से लेकर अब तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है जिससे यह पता लगे कि उसकी हालत खराब है और वह गंभीर स्थिति में है.
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इंद्राणी पर अप्रैल 2012 में दो अन्य आरोपियों की मदद से अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने का आरोप है. यह मामला अगस्त 2015 में तब प्रकाश में आया जब उसके ड्राइवर श्यामवर राय ने शस्त्र मामले में अपनी गिरफ्तारी के बाद जुर्म कबूल किया. इसके बाद इंद्राणी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना को गिरफ्तार किया गया. इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी को हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में बाद में गिरफ्तार किया गया.
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बता दें कि पिछले महीने इंद्राणी मुखर्जी ने दावा किया था कि उसने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को विदेशों में 50 लाख डॉलर दिए. विदेशों में सिंगापुर, मॉरीशस, बरमूदा, इंग्लैंड और स्विटजरलैंड शामिल हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया मामले में शुक्रवार को विशेष अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया. सीबीआई ने यह भी कहा कि उसने इस संबंध में विदेशों को न्यायिक सहयोग के लिए पत्र लिखा है, जिसका इंतजार है.