JNU Sedition Case: कोर्ट ने कहा, दिल्‍ली सरकार फाइल दबाकर नहीं बैठ सकती, जल्‍द अनुमति लें

CRPC सेक्शन 196 के तहत देशद्रोह के मामले में जब तक राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नही ले सकता.

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Sunil Mishra
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JNU Sedition Case: कोर्ट ने कहा, दिल्‍ली सरकार फाइल दबाकर नहीं बैठ सकती, जल्‍द अनुमति लें

जेएनयू कैंपस (फाइल फोटो)

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जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्‍ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अभी चार्जशीट के लिए जरूरी मंजूरी दिल्‍ली सरकार से नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने कहा, चार्जशीट फाइल करने से पहले अनुमति ले लेनी चाहिए थी. दिल्‍ली सरकार से जल्‍द इस मामले में मंजूरी लीजिए. यह फाइल अनिश्चित समय तक लटकाया नहीं जा सकता. इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. CRPC सेक्शन 196 के तहत देशद्रोह के मामले में जब तक राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नही ले सकता.

कोर्ट ने सुनवाई शुरू की तो दिल्‍ली पुलिस ने कहा, चार्जशीट पर अभी दिल्‍ली सरकार की मंजूरी नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने कहा- दिल्‍ली सरकार लंबे समय तक फाइल दबाकर नहीं बैठ सकती. जल्‍द से जल्‍द सरकार से अनुमति लीजिए. कोर्ट ने कहा कि उनको बोलो मामले को निपटाएं, ऐसे फाइल लेकर कैसे बैठ सकते हैं. इसके बाद कोर्ट ने चार्जशीट पर सुनवाई 28 फरवरी तक टाल दी.

बता दें कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. पटियाला हाउस कोर्ट अब इस मामले में मंगलवार (15 जनवरी) को सुनवाई करेगी. दिल्‍ली पुलिस ने चार्जशीट में कन्‍हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्‍य के अलावा शहला राशिद और सीपीआई नेता डी राजा की बेटी अपराजिता राजा को भी नामजद किया है. पुलिस ने इस मामले में IPC (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 124ए (राज - द्रोह), 323 (जान-बुझकर की गई हिंसा), 465 (जालसाजी), 471 (नक़ली दस्तावेज का सही बताकर इस्तेमाल करना), 143, 149, 147 (दंगे की कोशिश), 120बी (अपराधिक षडयंत्र) के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. लेकिन तब दिल्‍ली सरकार की मंजूरी नहीं ली गई थी, लिहाजा पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार की अनुमति लेने को कहा था. 

Source : Arvind Singh

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