BJP कार्यकर्ता की हत्या मामले में पक्षकार बनाने की अर्जी पर न्यायालय ने WB सरकार से मांगा जवाब

शीर्ष अदालत ने सिब्बल के इस कथन पर भाटिया की आपत्ति का संज्ञान लिया और कहा, हम इस बात के प्रति सचेत हैं कि विपक्षी दल भी इस न्यायालय का इस्तेमाल करते रहे हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

ममता बनर्जी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2018 में भाजपा के एक कार्यकर्ता की कथित हत्या से संबंधित मामले में पक्षकार बनने के लिये पार्टी नेता के आवेदन पर सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ता 32 वर्षीय दुलाल कुमार का शव दो जून, 2018 को पुरूलिया जिले के बलरामपुर में बिजली के एक खंबे पर लटका मिला था. भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने दुलाल की कथित हत्या के मामले की सीबीआई जांच के लिये जनहित याचिका दायर की थी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने कहा, ‘आप (राज्य सरकार) इस मामले में पक्षकार बनने के लिये दायर आवेदन पर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करें.’

भाटिया ने दुलाल कुमार की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही कहा कि उन्हें इस जनहित याचिका को आगे बढ़ाने और इस मामले में एक पक्षकार बनने की अनुमति दी जाये. इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि शीर्ष अदालत को एक दिन यह निर्णय करना होगा कि क्या राजनीतिक कार्यकर्ता को इस तरह के मामलों में समाचार पत्र की खबरों के आधार पर जनहित याचिका दायर करने की अनुमति दी जा सकती है. शीर्ष अदालत ने सिब्बल के इस कथन पर भाटिया की आपत्ति का संज्ञान लिया और कहा, हम इस बात के प्रति सचेत हैं कि विपक्षी दल भी इस न्यायालय का इस्तेमाल करते रहे हैं. इस मामले के ब्यौरे का जिक्र करते हुये भाटिया ने कहा कि पीड़ित परिवार ने सत्तारूढ़ दल के कम से कम छह सदस्यों के नाम आरोपी के रूप में लिये थे. इसके बावजूद राज्य की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने में 20 दिन लगाये.

यह भी पढ़ें-Nirbhaya Gang Rape Case : दया याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दोषी

उन्होंने कहा कि पुलिस ने मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक उसके परिवार के सदस्यों को नही दी. पुलिस ने पूरे मोहल्ले का बयान दर्ज किया लेकिन पीड़ित के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज नही किये. सिब्बल ने भाटिया के इस कथन का विरोध किया और कहा कि यह याचिका समाचार पत्र की खबरों के आधार पर दायर की गयी है और मृतक की मौत का कारण विवाहेत्तर संबंध थे. पीठ ने इस मामले को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया. शीर्ष अदालत ने 26 मार्च 2019 को राज्य सरकार को दुलाल कुमार की मौत के कारणों का पता लगाने के लिये गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें-मनी लांड्रिंग मामले में DHFL डायरेक्टर कपिल वधावन को ED ने किया गिरफ्तार

भाटिया ने इस जनहित याचिका में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं-शक्तिपड़ा सरकार, त्रिलोचन महतो ओर दुलाल कुमार- की 2018 में हुयी मृत्यु की घटनाओं की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है. शीर्ष अदालत सरकार और महतो की मृत्यु के मामलों में राज्य पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट थी और उसने इन दो मामलों में जनहित याचिका मे कार्यवाही बंद करने का निर्णय किया था. लेकिन उसने दुलाल कुमार की मृत्यु से संबंधित मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा था. याचिका में सीबीआई जांच के अलावा भाजपा के मृत कार्यकर्ता के परिवार के सदस्यों को मुआवजे के रूप में 50 लाख रूपए दिलाने का भी अनुरोध किया गया है. इसके अलावा, याचिका में पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिये समुचित पुलिस संरक्षण प्रदान करने का राज्य सरकार को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. 

West Bengal Government Court BJP Worker murder
Advertisment
Advertisment
Advertisment