मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत अर्जी दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 13 सितंबर तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डीके शिवकुमार की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी. ईडी की कस्टडी में रोज आधा घंटे परिजन और वकील डीके शिवकुमार से मिल सकते हैं. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केएम नटराजन ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को जांच के दौरान विभिन्न जगहों से कई अहम दस्तावेज और पैसे मिले हैं. डीके शिवकुमार के वकील ने कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की थीं. पहली अर्जी में रिमांड को चुनौती दी गई और दूसरी में जमानत याचिका दाखिल की गई थी. एएसजी ने कोर्ट में कहा, डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है. कैश जिस तरीके से मिला है उससे साफ जाहिर होता है कि इन्होंने अपने पद का दुरुप्रयोग किया है. इनके साले का भी बयान लिया गया. इनकी संपत्ति में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है, जांच अभी नाजुक मोड़ पर है.
Delhi's Rouse Avenue court sends Karnataka Congress leader DK Shivakumar to Enforcement Directorate remand till 13th September. (File pic) pic.twitter.com/HD5nLznCjH
— ANI (@ANI) September 4, 2019
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी शिवकुमार से पिछले 4 दिनों से पूछताछ कर रही थी, जिसके बाद मंगलवार को उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार लिया गया. जब डीके शिवकुमार को गिरफ्तार कर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए ले जाया जा रहा था, तब ईडी के दफ्तर पर डीके शिवकुमार के तमाम समर्थक एकत्रित हुए और गिरफ्तारी का विरोध करने लगे. इसके कारण ईडी के अधिकारियों को शिवकुमार को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी हुई थी.
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले मंगलवार को गिरफ्तार होने के बाद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को अपनी रात अस्पताल में गुजारनी पड़ी. दरअसल, उनको गिरफ्तार करने के बाद उनका मेडिकल टेस्ट करवाने के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका ब्लड प्रेशर काफी हाई पाया गया. कई घंटों तक उनके बीपी के सामान्य होने का इंतजार किया गया, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें रात 1.45 बजे राम मनोहर लोहिया के नर्सिंग होम में ले जाया गया जहां उनकी जांच की गई. ऐसे में बीपी हाई होने की वजह से उन्हें अपनी रात अस्पताल में ही गुजारनी पड़ी.