पिछले एक साल से कोरोना वायरस संक्रमण देश-दुनिया को तबाह किये है. कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को बहुत गहरे प्रभावित किया. उस दौरान देश के कई शहरों में कोरोना का तांडव देखा गया. और बड़ी संख्या में लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई थी. अभी कोरोना केस देश में कम आ रहा हैं. अधिकांश राज्यों में पूर्ण एवं आंशिक लॉकडाउन खत्म हो गया है. बाजार खुल गये हैं और लोग अब पहले की तरह घरों से निकलकर काम पर जाने लगे हैं. लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. देश-दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. कई विशेषज्ञों ने पहले भी कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है और ये दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होगी.
अब नीति आयोग ने कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की है. नीति आयोग सदस्य वीके पॉल पिछले महीने सरकार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए थे. इसमें कहा गया था कि भविष्य में प्रति 100 कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में से 23 मामलों को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करनी होगी.
कोरोना के दूबसरी लहर के दौरान आवश्यक मेडिकल सुविधाओं का नितांत अभाव देखा गया. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी मीडिया की सुर्खियां बनीं.दरअसल, कोरोना संक्रमण की गति जितनी तेज थी उतनी रफ्तार से मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम नहीं किया जा सकता था. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका के बीच संभावित खतरे को देखते हुए मेडिकल सुविधाओं का पहले से इंतजाम करने को कहा जा रहा है.
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कोविड-19 अपने चरम के दौरान 1 जून को जब देश भर में सक्रिय केस लोड 18 लाख था तब 21.74 प्रतिशत केस में अधिकतम मामलों वाले 10 राज्यों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी थी. इनमें से 2.2 प्रतिशत लोग आईसीयू में भर्ती थे.
नीति आयोग का कहना है कि और भी बदतर हालात के लिए हम लोगों को तैयार रहना चाहिए. आयोग ने एक दिन में 4 से 5 लाख कोरोना केस का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही कहा है कि अगले महीने तक दो लाख आईसीयू बेड तैयार किए जाने चाहिए. इनमें वेंटिलेटर के साथ 1.2 लाख आईसीयू बेड, 7 लाख बिना आईसीयू अस्पताल के बेड (इनमें से 5 लाख ऑक्सीजन वाले बेड) और 10 लाख कोविड आइसोलेशन केयर बेड होने चाहिए.
HIGHLIGHTS
- नीति आयोग का अनुमान-एक दिन में आ सकते हैं 4 से 5 लाख कोरोना केस
- नीति आयोग ने कहा तीसरी लहर के लिए 2 लाख ICU बेड रखें तैयार
- हर चौथे व्यक्ति को पड़ सकती है अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत