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Coronavirus (Covid-19): कोरोना से जंग तो ठीक भुखमरी को कैसे हराएंगे, सैलरी नहीं मिली तो आधा देश रहेगा भूखा

Coronavirus (Covid-19): लगभग आधे भारतीयों के लिए किसी नौकरी या आय के श्रोत के बिना एक महीने से अधिक समय तक जीवित (Survive) नहीं मुश्किल हो जाएगा.

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Dhirendra Kumar
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Coronavirus

Coronavirus (Covid-19)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Coronavirus (Covid-19): मौजूदा समय में पूरा देश कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) से जूझ रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के साथ सभी राज्य सरकारें भी कोरोना संक्रमण को रोकने और संक्रमति मरीजों के उचित उपचार के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं. वहीं इन सबके बीच एक और चिंता भारतीयों के सामने उठ खड़ी हुई है. दरअसल, लगभग आधे भारतीयों के लिए किसी नौकरी या आय के श्रोत के बिना एक महीने से अधिक समय तक जीवित (Survive) नहीं मुश्किल हो जाएगा. लंबे लॉकडाउन (Lockdown) और खराब अर्थव्यवस्था, नौकरी जाने से परिवार की चिंताएं बढ़ रही हैं कि वे आखिर कब तक घर चला पाएंगे.

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सर्वे में 20.7 फीसदी ने एक महीने तक सर्वाइव करने की बात कही
न्यूज एजेंसी आईएएनएएस सीवोटर इकोनॉमी बैट्री वेव सर्वे के अनुसार, 28.2 फीसदी पुरुषों ने माना कि वे आय के बिना एक माह से कम समय तक सर्वाइव कर पाएंगे. जबकि 20.7 प्रतिशत ने कहा कि वे एक माह तक सर्वाइव कर सकते हैं. वहीं 10.7 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना आय के एक वर्ष से ज्यादा समय तक सर्वाइव कर सकते हैं. वहीं दो महीने के लिए 10.2 प्रतिशत लोगों ने, जबकि तीन महीने के लिए 8.3 प्रतिशत लोगों ने और 4 से 6 महीने के लिए 9.7 प्रतिशत लोगों ने आय बगैर सर्वाइव करने की बात कही और 5.7 प्रतिशत लोगों ने कहा वे एक वर्ष से कम समय तक सर्वाइव कर सकते हैं.

इस सैंपल डेटा को जून के पहले सप्ताह में जुटाया गया है और इसका सैंपल साइज 1,397 है, और इसमें पूरे देश की 500 लोकसभा सीटों से भी ज्यादा को कवर किया गया है. यह 1000 से अधिक नए उत्तरदाताओं का साप्ताहिक ट्रैकर है. महिलाओं के लिए, बिना आय के एक महीने से भी कम या एक महीने के लिए सर्वाइव करने की संख्या समान है. महिलाओं में, 19.9 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना नौकरी या आय के एक माह से कम समय के लिए सर्वाइव कर सकती हैं, वहीं 28.4 प्रतिशत ने कहा कि वे एक माह तक सर्वाइव कर सकती हैं. मोटे तौर पर यह आधी संख्या को जोड़ता है. कुल 11.5 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे एक वर्ष से भी ज्यादा समय तक सर्वाइव कर सकती हैं.

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वरिष्ठ नागरिकों की बिना आय के सबसे अच्छी सर्वाइवल रेट
सर्वे से यह स्पष्ट हुआ कि वरिष्ठ नागरिकों की बिना आय के सबसे अच्छी सर्वाइवल रेट है और वे अपनी बचत का लाभ उठा रहे हैं. वरिष्ठ नागरिक जिनमें 60 और इससे अधिक उम्र के हैं, में से 19.2 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना आय के एक वर्ष तक सर्वाइव कर सकते हैं. बिना आय के सबसे कम सर्वाइवल रेट 25-40 वर्ष के आयु समूह की है, जहां 28.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बिना आय के बमुश्किल एक माह या इससे कम समय तक सर्वाइव कर सकते हैं. जाहिर है कि इसमें अधिक आय वर्ग या उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों की सर्वाइवल रेट अच्छी है.

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सभी सामाजिक समूहों में से उच्च शिक्षा प्राप्त समूह में से 31.6 प्रतिशत ने कहा कि वे बिना आय के एक वर्ष से ज्यादा समय तक सर्वाइव कर सकते हैं. वहीं उच्च शिक्षित समूहों से यह संख्या 29.6 प्रतिशत है. वहीं मुस्लिमों में से एक माह से भी कम समय तक सर्वाइव करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, जिनकी संख्या 38.4 प्रतिशत है. वहीं एक माह तक सर्वाइव करने की संख्या 30.2 प्रतिशत है. वहीं इस समूह में 68 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो बिना आय के एक माह से अधिक समय तक सर्वाइव नहीं कर सकते हैं. क्षेत्रवार बात करें तो, समृद्ध पश्चिमी क्षेत्र का इस मामले में प्रदर्शन सबसे अच्छा है, जहां केवल 17.2 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे एक माह से कम समय तक बिना आय के सर्वाइव कर सकते हैं, जबकि 15 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे एक वर्ष से अधिक समय तक सर्वाइव कर सकते हैं. वहीं पूर्वी क्षेत्र के 30.4 फीसदी लोगों का कहना है कि वे एक माह से भी कम समय तक सर्वाइव कर पाएंगे। पूरे क्षेत्र की बात करें तो 48 फीसदी से ज्यादा लोगों का मानना है कि वे एक माह या इससे कम समय तक बिना नौकरी के सर्वाइव कर पाएंगे.

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