केंद्र सरकार से इजाजत मिलने के बाद शुक्रवार को सुबह लॉक डाउन (Lock Down) के 37 दिनों के बाद पहली ट्रेन चली है. यह ट्रेन देश के अलग-अलग राज्यों से होती हुई वहां फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को लेकर तेलंगाना के लिंगमपल्ली से लेकर झारखंड के लिए रवाना की गयी है. केंद्र के इस प्रयास में राज्य सरकारों ने भी सहमति देते हुए उसका साथ दिया है. राज्य सरकार की मांग पर रेल मंत्रालय ने लॉक डाउन (Lock Down) के दौरान पहली स्पेशल ट्रेन चलाई है. जो शुक्रवार की सुबह लिंगमपल्ली से हटिया तक जाएगी. इस ट्रेन में 1225 अप्रवासी मजदूर अपने घरों को जाने के लिए रवाना हो चुके हैं.
सरकार ने बहुत ही गोपनीय ढंग से इस ट्रेन का संचालन किया ट्रेन के टीटी को कल रात बारह बजे यानि ट्रेन चलते से ठीक पांच घंटे पहले बताया गया कि आपकी इस ट्रेन में ड्यूटी है, समय से पहुंच जाएं. इस स्पेशल ट्रेन का नंबर है 02704. बताया जाता है कि तेलंगाना सरकार के अनुरोध पर और रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार लिंगमपल्ली (हैदराबाद) से हटिया (झारखंड) तक ये विशेष ट्रेन चलाई गई. इस ट्रेन में 24 कोच हैं और 56 डिब्बे हैं यह ट्रेन कहीं भी किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकेगी.
मजदूरों को ट्रेन से भेजने से पहले किया था मेडिकल चेकअप
मजदूरों को ट्रेन से भेजने से पहले इनका पूरा मेडिकल किया गया था. इस दौरान 56 बसों से इन मजदूरों को पूरे हैदराबाद से लिंगमपल्ली रेलवे स्टेशन लाया गया था. आपको बता दें कि यह सिर्फ एक मात्र ट्रेन है जिसे लॉकडाउन में चलाया गया है. मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले आने तक तेलंगाना सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग और बाकी एहतियाद को पूरा किया गया, जिसके बाद इस ट्रेन से मजदूरों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया.
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7 राज्य सरकारों ने की थी ट्रेन से भेजने की बात
इसके पहले केंद्र सरकार ने मजदूरों को उनके राज्यों में सड़कमार्ग से भेजे जाने के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं. केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के बाद देश के 7 राज्यों ने केंद्र सरकार से स्पेशल ट्रेन चलवाने की मांग की थी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से लेकर राजस्थान, पंजाब, केरल, कर्नाटक, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु सरकार ने भी प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की है.
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झारखंड और तेलंगाना के सीएम की मांग रंग लाई
यहां पर सबसे पहले तेलंगाना और झारखंड की राज्य सरकारों की ट्रेन चलाने की मांग रंग लाई. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने लगभग 9 लाख मजदूरों की वापसी के लिए केंद्र सरकार से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की थी. सीएम ने रेलमंत्री से कहा कि राज्यों को विशेष ट्रेनों की जरूरत होगी ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक वापस लाया जा सके. इस बातचीत में तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने भी सहमति जताई थी.