कोरोना महामारी संकट के बीच अगले महीने के दूसरे सप्ताह से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो सकती है. इसके लिए कई तरह की सावधानियां बरती जाएंगी. सेशन शुरू होने से 72 घंटे के पहले सभी सांसदों का कोरोना वायरस टेस्ट किया जाएगा. सांसदों के अलावा संसद में आने वाले स्टाफ का भी कोरोना टेस्ट होगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद के मानसून सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों के स्टाफ और परिवार का भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा. इसके अलावा संसद सत्र के दौरान भी रैंडम टेस्ट किए जाएंगे. सभी सांसदों के टेस्ट करवाने की व्यवस्था संसद परिसर में ही करवाई जाएगी, ये टेस्ट सत्र शुरू होने से पहले ही किए जाएंगे. संसद का सत्र शुरू होने से पहले सेंट्रल हॉल के लिए सभी पास कैंसल कर दिए गए हैं, जिसके लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे.
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लोकसभा अध्यक्ष ने की अधिकारियों के साथ बैठक
सत्र के दौरान की व्यवस्थाओं को लेकर बिरला ने गुरुवार को दोनों सदनों के महसचिवों और सीपीडब्ल्यूडी और एनडीएमसी के अधिकारियों के साथ बैठक भी की. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोविड-19 के मद्देनजर संसद के आगामी मानसून सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों सदनों के अधिकारियों, स्वास्थ्य मंत्रालय, डीआरडीओ और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक की. मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय, AIIMS, ICMR, DRDO एवं दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान बिड़ला ने निर्देश दिया कि संसद के मॉनसून सत्र के मद्देनजर स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए और संसद परिसर में भी स्वास्थ्य जांच के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएं.
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40 स्थानों पर लगेंगे टचलैस सैनिटाइजर
संसद सत्र के दौरान संसद परिसर और संसद भवन में प्रवेश के समय थर्मल गन और थर्मल स्कैनर से तापमान की जांच की जाएगी. इसके अलावा संसद परिसर में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाएगी. यहां 40 स्थानों पर टचलैस सैनिटाइजर लगाए जाएंगे. इमरजेंसी मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था रहेगी. पूरे परिसर में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देशों को सख्ती से पालन किया जाएगा. सांसदों के अलावा मॉनसून सत्र के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था भी की जाएगी.
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बता दें कि इस बार के सेशन में कई तरह की सावधानियां कोरोना वायरस संकट के चलते बरती जा रही हैं. इस दौरान दोनों सदनों को शिफ्ट के हिसाब से चलाया जाएगा. हर दिन के पहले 4 घंटे राज्यसभा काम करेगी और अगले 4 घंटे लोकसभा. हालांकि सत्र के शुरुआती दिन पहले हॉफ में लोकसभा की बैठक होगी. क्योंकि नियमों के मुताबिक, स्पीकर ओम बिड़ला को औपचारिक रूप से सदन के सदस्यों से अनुमति लेनी होगी ताकि अपने कक्ष का इस्तेमाल किसी अन्य प्रायोजन के लिए किया जा सके.
Source : News Nation Bureau