कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर को देश में राजनीति पूरे चरम पर है. कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस मामले में मोदी सरकार को घेरने में लगा हुआ है. इसी बीच पंजाब में वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा कीमतों पर बेंचने का मामला सामने आया है. जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस को लपेटे में ले लिया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी आज पंजाब सरकार पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पंजाब में COVID-19 की खुराक जो लोगों को मुफ्त में दी जानी चाहिए, उन्हें अधिक कीमतों पर बेचा गया. 309 रुपये में खरीदी गई कोविशील्ड खुराक 1,560 रुपये में बेची गई है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी और टीकाकरण के प्रभारी ने 29 मई को कुछ आंकड़ों का खुलासा किया है और बताया है कि कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन 13.25 करोड़ रुपये में 4.29 लाख खुराक खरीदी गई, इसकी औसत राशि 309 रुपये है. वहीं कोवैक्सीन (Covaxine) वैक्सीन 4.70 करोड़ रुपये में 1.14 लाख खुराक खरीदी गई, इसकी औसत राशि 412 रुपये है.
पंजाब सरकार ने फैसला पलटा
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ‘केंद्र ने लोगों को मुफ्त में टीके लगाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 50 प्रतिशत टीके वितरित किए हैं. राज्य अपनी खरीद पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं. यदि ये (उपरोक्त) आंकड़े सही हैं तो लाभ की वास्तविक राशि सिर्फ 2.40 करोड़ रुपये नहीं है.’ वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद आखिरकार पंजाब सरकार ने 18 से 44 साल के लोगों के लिए प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध कराने के आदेश को वापस ले लिया है.
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पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो वैक्सीन अब तक प्राइवेट अस्पतालों को दी गई है, उसका खर्चा काटने के बाद जो अतिरिक्त अमाउंट लिया गया है उसे भी वापस लौटाया जाएगा. इससे पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने राज्य सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को देने संबंधी विपक्ष के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं.
HIGHLIGHTS
- पंजाब सरकार पर केंद्रीय मंत्री का हमला
- मुफ्त वाली वैक्सीन प्राइवेट अस्पताल को बेची- केंद्रीय मंत्री
- मामला तूल पकड़ने पर पंजाब सरकार ने पलटा फैसला