देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है. अब तक 94 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इस पर काबू पाने के लिए तीन प्रमुख कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं. वहीं इस बीच पुणे की टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन पर सवाल उठाए गए थे. कंपनी ने सफाई देते हुए दावा किया है कि कोविशिल्ड (Covishied) के ट्रायल में शामिल वॉलंटियर को डोज की वजह से साइड इफेक्ट नहीं हुआ था. हमारी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. दूसरी तरफ सीरम ने गलत आरोप लगाने वाले वॉलंटियर पर 100 करोड़ रुपये का मानहानि का केस किया है.
सीरम के हेड अदार पूनावाला ने कहा कि चेन्नई के वॉलंटियर के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह वैक्सीन की वजह से नहीं हुई है. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप के तहत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनिका (Oxford Astrazeneca) वैक्सीन पर काम कर रही है. ये वैक्सीन ट्रायल के आखिरी स्टेज पर है और इसकी कारगरता की पूरी दुनिया में चर्चा है. भारत में ये वैक्सीन कोविशिल्ड (Covishied) के नाम से उतारी जाएगी.
Source : News Nation Bureau