सुधा भारद्वाज, वरवर राव और गौतम नौलखा जैसे कवि, लेखक और पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए माकपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पुलिस भीमा-कोरेगांव दंगों के बाद दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को निशाना बना रही है। पार्टी ने एक बयान में कहा, 'मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विभिन्न नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वामपंथी बुद्धिजीवियों के यहां पुलिस द्वारा मारे गए छापे की निंदा करती है।'
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माकपा ने कहा है कि, 'भीमा-कोरेगांव में जब से दलितों के खिलाफ हिंसा की हुई है, महाराष्ट्र पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और उनकी पैरवी करने वाले वकीलों को निशाना बना रही है। झूठे आरोप लगाए गए हैं और क्रूर अनाधिकृत गतिविधि निवारक अधिनियम लागू किया गया है।'
पुलिस ने मुंबई, दिल्ली, रांची, गोवा और हैदराबाद में छापे मारे और सुधा भारद्वाज, वरवर राव जैसे कुछ कार्यकर्ताओं और पत्रकार गौतम नौलखा को गिरफ्तार कर लिया।
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माकपा ने कहा, 'यह कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिक आजादी पर खुला हमला है। इमर्जेसी को लेकर कांग्रेस को कोसने वाले आज खुद उसी राह पर उतर गए हैं, यह देश के लिए दुर्भायपूर्ण है। माकपा इन कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले वापस लेने और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करती है।'
Source : IANS