Advertisment

सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर पीएम मोदी का बयान कोर्ट की अवमानना : CPI(M)

सीपीएम के प्रेस बयान में कहा गया है कि जो भी देश के संविधान और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों को मानते हैं वे प्रधानमंत्री की राय का विरोध करेंगे.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर पीएम मोदी का बयान कोर्ट की अवमानना : CPI(M)

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)

Advertisment

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सबरीमाला मुद्दे पर केरल सरकार की आलोचना करने पर हमला बोला है और कहा कि इस मुद्दे पर उनका बयाना 'कोर्ट की अवमानना' है. इसके अलावा सीपीएम ने बुधवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि उनका बयान घटिया और निंदनीय है. बयान में कहा गया है कि जो भी देश के संविधान और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों को मानते हैं वे प्रधानमंत्री की राय का विरोध करेंगे. बयान के अनुसार, 'मोदी भूल गए कि उन्होंने भारत के संविधान की शपथ ली है और उन्होंने आरएसएस प्रचारक की तरह बोला न कि प्रधानमंत्री की तरह. उनका बयान भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट पर सीधा हमला है.'

येचुरी ने कहा, 'उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में सरकार जन भावना पर ध्यान नहीं दे रही है. जहां तक सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं (सभी उम्र की) को समान अधिकार देने का आदेश दिया है.'

उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के अलावा किसी भी चुनी हुई सरकार के पास कोई विकल्प नहीं होता है. अब देश के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्यों लागू है.'

उन्होंने कहा, ' प्रधानमंत्री ने संविधान का शपथ लिया है जो सुप्रीम कोर्ट को आदेश को लागू करने की बात कहता है. प्रधानमंत्री का बयान कोर्ट की अवमानना जैसा है. अब सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में संज्ञान लेना चाहिए. लेकिन ऐसा संभव नहीं दिखता है.'

सीपीएम ने अपने बयान में कहा कि पीएम मोदी का बयान भविष्य के लिए खतरनाक है. अगर बीजेपी और आरएसएस को सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला पंसद नहीं आएगा तो उसका अवहेलना करेगी और कोई सरकार उसे लागू करेगी तो उनके (आरएसएस-बीजेपी) द्वारा हमला किया जाएगा.

सबरीमाला पर क्या कहा था प्रधानमंत्री ने

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को केरल के कोल्लम में सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर कहा कि हमारी पार्टी का रुख हमेशा से साफ रहा है और हमारी पार्टी का काम हमारे शब्दों से मिलता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्य हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं.

और पढ़ें : वर्जिनिटी पर भद्दा बयान देकर बुरे फंसे प्रोफेसर कनक सरकार, यूनिवर्सिटी ने नौकरी से किया सस्पेंड

प्रधानमंत्री ने सबरीमाला मुद्दे पर राज्य की लेफ्ट फ्रंट सरकार और कांग्रेस पार्टी को फटकार लगाई थी. पीएम मोदी ने कहा था 'सबरीमाला मुद्दे पर केरल की एलडीएफ सरकार की कार्रवाई इतिहास में निम्न स्तर पर जाएगा, किसी पार्टी या सरकार द्वारा यह सबसे शर्मनाक व्यवहारों में से एक है. हम जानते हैं कि वामपंथी भारतीय इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म का सम्मान नहीं करती है लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि उनके पास इतनी घृणा है.'

मोदी ने कहा था, 'लेफ्ट और कांग्रेस लैंगिक और सामाजिक न्याय को सम्मान देने के बारे में बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उनका काम ठीक इसके विपरीत है. एनडीए सरकार तीन तलाक को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है. इसका विरोध कौन कर रहे हैं? वामपंथी और कांग्रेस.'

देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsstate.com/india-news

Source : News Nation Bureau

Narendra Modi BJP kerala RSS केरल CPI(M) नरेन्द्र मोदी Sitaram Yechury contempt of court LDF Government सीपीएम सबरीमाला Sabarimala Mandir Narendra Modi On Sabarimala Sabarimala Issue
Advertisment
Advertisment
Advertisment