लॉकडाउन (Lockdown) में रद्द हुई उड़ानों के टिकट के पैसे वापस करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि इस मामले में सरकार और एयरलाइंस कंपनियां आपस में बैठकर इस मामले की हल निकालें. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि टिकट रद्द करने के एवज में कंपनियों द्वारा दिए गए क्रेडिट नोट महज उसी रूट के लिए और सीमित अवधि के लिए ना हो. बाकी रूट और कम से कम दो साल तक उसके इस्तेमाल की इजाजत होनी चाहिए. अब इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद की जाएगी.
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दरअसल लॉकडाउन के दौरान कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया था. इसके पैसे वापस लेने के लिए यात्रियों ने एयरलाइन कंपनियों से रिफंड की मांग की थी. विमानन कंपनियों ने उन्हें अगली फ्लाइट से जाने के लिए कहा था. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. कोर्ट का कहना था कि फ्लाइट कैंसिल होने के बाद यात्रियों को मिलने वाले क्रेडिट नोट की अवधि को बढ़ाया जाए.
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दो साल तक के लिए यात्रियों को क्रेडिट नोट दिया जाए जिससे यात्री अपनी टिकट के पैसे को आगे किसी अन्य फ्लाइट में एडजस्ट कर सकें. सुप्रीम कोर्ट का सुझाव है कि क्रेडिट नोट दो साल तक देने से यात्रियों की भी परेशानी नहीं होगी.
Source : News Nation Bureau