प्रवर्तन निदेशालय ने मौलाना साद (Maulana Saad) के बेहद करीबी मुरसलीन नाम के शख्स से पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, मुरसलीन विदेशी जमातियों के संपर्क में रहता था और मरकज़ में आने वाले डोनेशन की पूरी जानकारी रखता है. मरकज़ से जुड़े कई खातों के हिसाब-किताब भी इसी के पास है. मुरसलीन कई बार विदेश यात्राएं भी कर चुका है. उधर, यह भी सूचना मिली है कि तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के जिन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होनी है, उन्हें छोड़ा जा रहा है. स्क्रीनिंग के बाद आज कुछ जमातियों को ट्रेन से तमिलनाडु भेजा जा रहा है. इन जमातियों का कोरोना टेस्ट पहले ही नेगेटिव आ चुका है.
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एक दिन पहले खबर आई थी कि क्राइम ब्रांच ने तब्लीगी मरकज के 700 विदेशी जमातियों को पूछताछ में शामिल होने को लेकर नोटिस दिया था. अब तक 300 जमातियों से पूछताछ हो चुकी है और 400 जमातियों से पूछताछ बाकी है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अब तक की पूछताछ में जमातियों ने खुलासा किया है कि वे जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन 20 मार्च को मरकज से जाना चाहते थे, लेकिन मौलाना साद ने उन्हें रोक लिया.
इस खुलासे से पुलिस को मौलाना साद (Maulana Saad) के खिलाफ और महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन (Lockdown) से पहले पुलिस की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद भी मौलाना साद ने जमातियों को मरकज में रोका.
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उधर, दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) के मामले को NIA को सौंपने की मांग की गई है. एनआईए आतंकी संगठनों और उनकी साजिशों की जांच के मामलों की जांच के लिए जानी जाती है. मौलाना साद के तार विदेशी फंडिंग और तमाम तरह से अवैध पैसों के ट्रांजक्शन से जुड़े होने को देखते हुए यह मांग की गई है.
Source : Rummanullah