दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को दिल्ली दंगों (Delhi Violence) से जुड़े चार अन्य मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट (Charge Sheet) दायर की. इनमें सबसे अहम है दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की गोली मारकर की गई हत्या का मामला. 24 फरवरी को हिंसक भीड़ ने चांदबाग इलाके में मेन वजीराबाद रोड पर अचानक वहां मौजूद पुलिस टीम पर हमला कर दिया. दरअसल, इसी जगह सीएए के खिलाफ प्रदर्शन भी चल रहा था. हिंसक भीड़ में मौजूद दंगाइयों ने न सिर्फ पुलिस टीम पर पथराव किया था, बल्कि गोलियां भी चलाई थीं. इनमें से एक गोली रतनलाल को भी लगी थी.
यह भी पढ़ेंः 60 दिनों में 14वीं बार दिल्ली में फिर कांपी धऱती, रिक्टर पैमाने पर 2.1 तीव्रता का हल्का भूकंप
डीसीपी शाहदरा भी हुए थे घायल
इस हमले में डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा और एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके खिलाफ आज चार्जशीट दाखिल की गई है. इसी हिंसा में गोली लगने से एक शाहिद नाम के शख्स की भी मौत हुई थी, जिसमें 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गईं.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब, होगा कोरोना टेस्ट
भीड़ ने सुभाष मोहल्ले में की थी फायरिंग
इसी तरह 25 फरवरी को उत्तरी घोंडा के सुभाष मोहल्ला इलाके में सीएए के पक्ष में नारे लगाते हुए अचानक भीड़ आयी और वहां मौजूद लोगों पर पथराव और गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस हिंसा में घर के मेन गेट पर खड़े मारूफ और शमशाद को गोलियां लगीं. मारूफ के सिर में गोली लगी जबकि शमशाद के पेट में. मारूफ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इस मामले में भी पुलिस ने 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी, जिनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. चौथी चार्जशीट दयालपुर इलाके में अजय गोस्वामी नाम के शख्स पर चलाई गई गोलियों के मामले में की गई है. अजय गोस्वामी आप पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन के घर के सामने गोली लगने से जख्मी हुआ था, जिसको लेकर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था.
यह भी पढ़ेंः Covid-19: अमेरिका में मच सकता है हाहाकार, 1946 के बाद की सबसे बड़ी मंदी की आशंका
ताहिर हुसैन के घर की छत से भी बरसाई गई गोलियां
जिस वक्त अजय गोस्वामी के बयान दर्ज किए गए थे उस समय पीड़ित हमलावर के रूप में गुलफाम और तनवीर का नाम लिया था. जांच में पता चला था कि इन दोनों ने ताहिर हुसैन के घर की छत से अपने साथियों के साथ मिलकर गोलियां चलाई थीं. इस केस में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमे गुलफाम और तनवीर के अलावा ताहिर हुसैन और उसके छोटे भाई शाह आलम भी शामिल है. जांच में पता चला है कि गोली गुलफाम ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से चलाई थी. जांच में सामने आया कि गुलफाम सीएए विरोधी प्रदर्शनों में काफी सक्रिय था. जनवरी के महीने में ताहिर हुसैन ने उसे दिल्ली में बड़े दंगो के लिए तैयार रहने के लिए कहा था. ताहिर हुसैन ने गुलफाम को असलहे खरीदने के लिए 15 हजार रुपए भी दिए थे.
यह भी पढ़ेंः सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब किया
ताहिर के पैसों से खरीदी गए गोली-बम
इन्हीं पैसों से 31 जनवरी को गुलफाम ने 100 राउंड गोलियां भी खरीदी थीं. गुलफाम में पहले से ही 100 गोलियां अपने पास इक्कठा की हुई थी, जिससे जाहिर है कि दंगों की तैयारी पहले से थी. दंगों के दौरान गुलफाम ने अपने पास मौजूद 200 के करीब गोलियां चलाई थीं. उसके पास से 200 में से सिर्फ 7 जिंदा कारतूस ही बरामद हुए. बड़े दंगो की तैयारी, गोलियों की खरीद और ताहिर हुसैन की छत से हुई भारी फायरिंग. ये बताती है कि दंगों के पीछे गहरी साजिश थी. ताहिर हुसैन के खिलाफ इससे पहले भी दो चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
HIGHLIGHTS
- सोमवार को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दायर की चार चार्जशीट.
- ताहिर हुसैन ने दिए थे गुलफाम को पैसे और कहा था तैयार रहो.
- सीएए विरोधी दंगे सोची-समझी साजिश का थे नतीजा.