पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा अपनी आगामी किताब में नोटबंदी को लेकर की गई आलोचना के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गुरुवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा, "पूर्व सीईए ने आखिरकार नोटबंदी से हुई बर्बादी पर अपनी वास्तविक भावनाओं को उजागर कर ही दिया. जाहिर है कि सरकार में रहते हुए सर्वोच्च नेता की आलोचना संभव नहीं थी." कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में 8 नवंबर को की गई नोटबंदी को लेकर पूरी तरह से 'अपारदर्शिता' बनी हुई है और सुब्रमण्यम की 'जिम्मेदारी' है कि वे देश को बताएं कि 'यह कैसे हुआ.'
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तिवारी ने कहा, "चूंकि सुब्रमण्यम तब सीईए थे, तो उनकी जिम्मेदारी है कि राष्ट्र को बताएं कि आखिर हुआ क्या था? आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की बैठक कब हुई? क्या इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी या मंत्रिमंडल ने इसके लागू होने के बाद पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी?"
उन्होंने कहा, "किस प्रकार से नोटबंदी लागू करने की पूरी प्रक्रिया रही, क्या मंत्रिमंडल में इसे लेकर कोई बैठक हुई थी, इसके कार्यान्वन को लेकर क्या कोई विचार-विमर्श किया गया? इस पूरे मामले को लेकर पूरी तरह से 'अपारदर्शिता' बनी हुई है." कांग्रेस नेता के इस बयान से एक दिन पहले सुब्रमण्यम ने नोटबंदी को 'बड़े पैमाने पर, दानवी, मौद्रिक झटका' करार दिया था, जिससे अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ गई जो सात तिमाहियों तक गिरती रही, और 6.8 फीसदी तक लुढ़क गई, जबकि नोटबंदी से पहले यह 8 फीसदी की दर से बढ़ रही थी.
कांग्रेस के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला.
Source : IANS