कर्नाटक पुलिस ने हुबली शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू आदेश 23 अप्रैल तक बढ़ा दिया है. निषेधाज्ञा 17 से 20 अप्रैल तक लागू की गई थी. स्थिति की समीक्षा के बाद कर्फ्यू शनिवार तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. हिंसा की जांच में दंगाइयों द्वारा पुलिसकर्मियों को मारने की कोशिश का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस बीच पुलिस मौलाना वसीम पठान की तलाश में जुटी है जो शनिवार रात से गायब है. पुलिस को शक है कि वसीम पठान ने ही भीड़ को उकसाया था. अब वसीम पठान ने वीडियो जारी कर कहा कि वह बेगुनाह है और जल्द ही पुलिस के सामने हाज़िर होगा.
सोशल मीडिया पर खिलाफ माहौल
वसीम पठान के मुताबिक सोशल मीडिया पर उसके खिलाफ माहौल बनाया गया है, जो एक साजिश है. सोशल मीडिया में मेरे हवाले से जिस तरीके से माहौल बनाया जा रहा है कि मैं ही उसका मास्टरमाइंड हूं. यह सरासर गलत है. ऐसा न कोई इरादा था न कोई खयाल था. यह मेरे खिलाफ रची गई एक साजिश है. उस वीडियो में अचानक वहां पर लाइट बंद हो जाती है, चंद नकाबपोश लोग आते है और पथराव करते हैं. मैं बहुत जल्द हाज़िर होकर इन इक़ज़ामत का जवाब दूंगा और अगर मैं कई गुनहगार पाया जाता हूं तो इन लोगों का हक़ है कि मुझे सज़ा दें.
पांच थानों में निषेधाज्ञा रहेगी जारी
इस बीच हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त लाभू राम ने कर्फ्यू की अवधि बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि हुबली शहर के दक्षिण डिवीजन की पांच पुलिस थाना सीमाओं में निषेधाज्ञा लागू रहेगी. पुलिस ने बीते शनिवार की रात बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में शामिल रहे बदमाशों की तलाश तेज कर दी है. विशेष टीमें उन गिरोहों पर फोकस कर रही हैं, जिन्होंने हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया था. सूत्रों के मुताबिक इस घटना के सिलसिले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है और 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
शनिवार रात हिंसा में कई पुलिस वाले हुए थे घायल
सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के सामने आने के बाद शनिवार देर रात को हुबली में हिंसा भड़क उठी थी. हुबली को 'छोटा मुंबई' कहा जाता है, जो उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र का व्यावसायिक केंद्र है. पुलिस द्वारा आरोपी युवक को सौंपने से इनकार किए जाने पर हुबली में हजारों लोग थाने के सामने जमा हो गए और बड़े पैमाने पर हिंसा में शामिल हो गए. हिंसक भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों को आग लगा दी, जिसमें कुल 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए. सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया है कि यह एक सुनियोजित हिंसा थी, वहीं विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस इस मामले में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही है.
HIGHLIGHTS
- शनिवार रात हुई हिंसा में दर्जन भर पुलिसवाले हुए थे चोटिल
- थाने के सामने जमा भीड़ अचानक से ही हो उठी थी हिंसक
- पुलिस को वसीम पठान की है तलाश, जो बता रहा खुद को निर्दोष