केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को देखकर सरकार ने भी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले अपनी रणनीति तैयार कर ली है। विपक्षी दल नोटबंदी और इसके कारण हो रही समस्या को मुद्दा बनाने का फैसला ले चुके है। इसके बाद एनडीए ने प्रस्ताव पारित कर सरकार के फैसले को अपना समर्थन दिया। एनडीए की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'विपक्षी दलों के आरोप बेबुनियाद है और हम सही समय पर इसका जवाब देंगे।'
Allegations levelled by the opposition (on #demonetisation issue) are baseless; we will answer them at the appropriate time: Venkaiah Naidu
— ANI (@ANI_news) November 14, 2016
हालांकि नोटबंदी से हो रही परेशानी को लेकर महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिव सेना ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को लेकर हो रही लोगों की परेशानी का मुद्दा उठाते हुए कहा था, 'जनता इसका जवाब देगी।'
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विपक्ष के बढ़ते दबाव को खारिज करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा, 'फैसले पर दोबारा सोचने का सवाल नहीं है।' कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी लगातार मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के फैसले का विरोध कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने जहां सरकार के इस फैसले को आर्थिक आपातकाल करार दिया तो वहीं केजरीवाल ने नोटबंदी के फैसले से हो रही परेशानी को देखते हुए पीएम से देश से माफी मांगने की अपील की है।
लोगों को अभी भी नए नोट मिलने में परेशानी हो रही हैं वहीं जिन्हें 2000 रुपये के नए नोट मिल चुके हैं, उन्हें बाजार में इसे चलाने में परेशानी हो रही है। इसके अलावा देश में नोट बदलने के लिए लंबे समय तक लाइन में लगे रहने की वजह से कथित तौर पर मौत के मामले सामने आए हैं। कुछ इलाकों में बैंकों और एटीएम में तोड़-फोड़ और गोलीबारी की भी खबरें आई हैं।
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हालांकि मोदी सरकार साफ कर चुकी है कि वह नोटबंदी के फैसले से पीछे नहीं हटने वाली। बल्कि मोदी दिसंबर बाद भी काला धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दे चुके हैं। बैठक के बाद वेंकैया नायडू ने कहा, 'देश मोदी सरकार के साथ है और हर कोई इस बात को मानता है कि यह ऐतिहासिक फैसला है। बड़े फायदे के लिए छोटे नुकसान उठाने पड़ते हैं।'
Mood of the nation is in favour of Modi Govt; everyone agreed that it is a historic decision; temporary pain for larger gain: Venkaiah Naidu
— ANI (@ANI_news) November 14, 2016
हंगामेदार रहेगा संसद सत्र
मंगलवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज कई विपक्षी दलों की बैठक हुई। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू, झारखंड मुक्ति मोर्चा, सीपीआई और सीपीआई (एम) सहित कई दूसरी पार्टियों ने बैठक कर संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार विमर्श किया।
#WATCH Congress, TMC, RJD, JD(U),JMM, CPI, CPI(M) and other opposition parties hold meeting ahead of Parliament winter session pic.twitter.com/RF11sl2jzV
— ANI (@ANI_news) November 14, 2016
मंगलवार को एक बार फिर से सभी दलों की बैठक होगी। विपक्षी दलों की एकजुटता को देखते हुए सरकार के लिए यह सत्र बेहद मुश्किल साबित हो सकता है। विपक्ष की एकजुटता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मुद्दे पर सीपीआई (एम) से हाथ मिलाने तक के संकेत दे चुकी हैं।
दिल्ली की बैठक में हालांकि बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर सबसे अधिक हमलावर हैं।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों की एकजुटता के बाद शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है
- शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले एनडीए ने नोटबंदी के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया है
Source : News Nation Bureau/Agencies