CWG 2018 में भारतीय राष्ट्रमंडल खेल दल के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। सोमवार को डोपिंग उल्लंघन मामले में भारतीय मुक्केबाजों को आरोपों से बरी कर दिया गया है।
हालांकि प्रतियोगिता के दौरान 'किसी भी तरह का इंजेक्शन साथ में नहीं रखने की नीति’ का उल्लंघन करने के कारण भारतीय दल शक के दायरे में रहेंगा।
बता दें कि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने इस मामले में शामिल देश के नाम का खुलासा अभी तक नहीं किया है।
सीजीएफ ने बताया कि इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार का डोपिंग अपराध शामिल नहीं है।
गौरतलब है कि सीजीएफ की इंजेक्शन साथ में नहीं रखने की नीति के तहत बिना चिकित्सक के परामर्श के आप किसी भी तरह का इंजेक्शन साथ नहीं रख सकते। हालांकि उसके लिए भी खिलाड़ी को पूर्व में मंजूरी लेनी चाहिए और ऐसा नहीं करने पर उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
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इससे पहले सीजीएफ के सीईओ डेविड ग्रेवमबर्ग ने सिरिंज मिलने की पुष्टि करते हुए कहा था कि इस मामले की जांच जारी है, लेकिन उन्होंने जिस देश की जांच की जा रही है उसमें भारत का नाम नहीं लिया।
भारतीय मुक्केबाजों के सिरिंज रखने की रिपोर्टों के बीच ऐसा माना जा रहा था कि भारतीय दल की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
भारतीय दल ने अपनी तरफ से कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। उन्होंने दावा किया कि सिरिंज किसी अन्य टीम की हो सकती हैं जो खेल गांव के उसी कंपाउंड में ठहरी है।
उन्होंने कहा, ‘ हमें अब सीजीएफ के फैसले का इंतजार है।’
इस बीच सीजीएफ सीईओ ने कहा कि इस मामले से पूरी पारदर्शिता के साथ निबटा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘( चिकित्सा आयोग की) रिपोर्ट में संबंधित सीजीए की गवाही शामिल होगी। उसे आगे के विचार विमर्श और उपयुक्त सजा तय करने के लिए हमारे महासंघ की अदालत के पास भेजा जाएगा।’
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Source : News Nation Bureau