ओडिशा में 'तितली' के दस्तक देने के बाद राज्य में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. 126 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाओं के साथ गुरुवार को तितली ने दस्तक दी, जिसका असर आस-पास के राज्यों में भी पड़ा. चक्रवाती तूफ़ान तितली के बाद राज्य में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए है. कई जगहों पर भूस्खलन होने से 11 लोगों की मौत हो गई. भारी बारिश से दूरस्थ इलाकों का संपर्क कट गया है. गंजम, रायगढ़ और गजपति जिलों में स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है.
च्रकवात तूफ़ान की चपेट में आये राज्य में राहत और बचाव कार्य जारी है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बाढ़ग्रस्त गंजाम, गजपति और रायगढ़ जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया.
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा, 'राहत और बचाव कार्य जारी है. भुवनेश्वर में आज मीटिंग होगी जिसमें बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए फंड की घोषणा की जाएगी. इस बारे में विस्तार से जानकारी मिलने पर केंद्र से फंड की मांग करेंगे.'
भारतीय नौसेना डाइविंग टीम का गंजम जिले के अक्सा गांव में बचाव कार्य जारी है. दो नौसेना के चेतक हैलीकॉप्टर गंजम और गजपति जिलों में लोगों को खाने की सामग्री प्रदान कर रही है. हैलीकॉप्टर की मदद से लोगों तक राहत का सामान पहुंचाया जा रहा है.
गजपति जिले में चक्रवात के अकारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, पेड़ उखाड़ जाने पर यतायात व्यवस्था प्रभावित हुई. मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान 'तितली' के कारण राज्य के कई हिस्सों में गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है. इस तूफान के कारण पश्चिम बंगाल से सटे झारखंड के कई इलाकों में बारिश हो रही है.
माना जा रहा है कि बंगाल में बारिश के कारण दुर्गा पूजा की तैयारियों पर काफी असर पड़ सकता है. 'तितली' बुधवार को बंगाल की खाड़ी के पास 'काफी खतरनाक चक्रवाती तूफान' का रूप ले रहा है और यह ओडिशा-आंध्रप्रदेश के तट की ओर बढ़ रहा है.