बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह 24 मई तक चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yass )का रूप ले लेगा. मौसम विभाग ने बताया है कि यास उत्तर-उत्तरपश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए बहुत गंभीर तूफान में तब्दील होगा. यास के 26 मई की शाम तक बंगाल व ओडिशा तट से गुजरते हुए बांग्लादेश की ओर आगे बढ़ेगा. न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पेट्रोलयम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि चक्रवात यास से स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं बाधित नहीं होने दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि चक्रवात यास के कारण लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की कहीं कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. उन्होने आगे कहा कि यास के चलते बिजली आपूर्ति की चुनौती जरूर पैदा हो सकती है. बता दें कि चक्रवात यास के 26 मई की शाम तक बंगाल व ओडिशा तट से टकराएगा.
मौसम विभाग ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि यास 26 मई को बंगाल व ओडिशा तट से टकरायेगा. इसके चलते दोनों राज्यों मे 22 से 26 मई तक भारी बारिश का भी पूर्वानुमान था. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जीके दास ने बताया कि 26 मई को बंगाल व उड़ीसा के तटीय इलाकों में 90 से 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और कई जगहों पर मध्यम से भीषण बारिश भी होगी. बंगाल के साथ ही सिक्किम के कुछ इलाकों में भी हल्की से भारी बारिश होने के आसार हैं. यास की चेतावनी को मद्देनजर रखते हुए बंगाल के मछुआरों को 23 मई से पहले पहले समुद्र से वापस लौटने और अगली सूचना तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
भारतीय नौसेना ने यास की चेतावनी के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए कमर कस ली है. पूर्वी तट पर नौसेना के मानवीय सहायता एवं आपदा राहत समूह (एचएडीआर) ने चार जहाजों और हवाई जहाजों को स्टैंडबाय पर रख लिया गया है. साथ ही गोताखोरों और मेडिकल टीमों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा, चेन्नई में आईएनएस रजाली भी मोर्चे के लिए तैयार हैं
Source : News Nation Bureau