उत्तर प्रदेश विधानसभा में पीईटीएन विस्फोटक मिला है। यह एक शक्तिशाली और खतरनाक विस्फोटक जिसका उपयोग आतंकवादी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिये करते हैं। चीनी की तरह दिखने वाले पीईटीएन को 'पेंटाइराइथ्रिटॉल टेटेरानाइट्रेट' भी कहा जाता है।
प्लास्टिक के गुण रखने के कारण मेटल डिटेक्टर में डिटेक्ट करना मनुश्किल होता है। स्निफर डॉग भी इसे डिटेक्ट जल्दी डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं।
क्या है पीईटीएन
पीईटीएन विस्फोटक बहुतक ही खतरनाक होता है और इसकी थोड़ी मात्रा बड़ी तबाही को अंजाम दे सकता है। इसलिये आतंकवादी इसका इस्तेमाल धमाकों के लिए भी करते हैं।
यह इतना खतरनाक होता है 100 ग्राम पीईटीएन से एक कार को उड़ाया जा सकता है।
घटनाएं:
- इसका उपयोग 1912 में शुरू हुआ और प्रथम विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने पहली बार इसका इस्तेमाल किया।
- 2001 में अलकायदा के आतंकी रिचर्ड रीड ने जूते के तले में छिपाकर अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट को उड़ाने की असफल कोशिश की थी। यह विमान पेरिस से मियामी जा रहा था। रीड को इसी वजह से 'शू बॉम्बर' भी कहा जाता है।
- 2009 में नाइजीरियाई मूल के अलकायदा के आतंकी उमर फारुक अब्दुलमुतालब ने इसे अंडरवियर रखा था। इससे वो डेट्राइट से एम्सटर्डम जाने वाली फ्लाइट को उड़ाना चाहता था।
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- पीईटीएन विस्फोटक का इस्तेमाल 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए धमाके में भी इस्तेमाल किया गया था। इस धमाके में 11 लोगों की मौत हुई थी और 50 लोग घायल हुए थे।
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Source : News Nation Bureau