सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दार्जिलिंग विस्फोट में आरोपी गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग की याचिका खारिज कर दी।
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के मामलों के हस्तांतरण की मांग को लेकर गुरंग की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने बिमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगी रोक को भी हटा दिया है जिसके बाद उवकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग पर कलिपोंग पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमले के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया गया था।
आपको बता दें कि अगस्त 2017 में दार्जिलिंग के चौक बाजार क्षेत्र में पुलिस स्टेशन के पास ग्रेनेड से हमला हुआ था।
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इससे पहले दिसंबर 2017 में, गुरुंग ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) राज्य में उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए उन्हें फंसा कर पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
नवंबर 2017 में, पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद गुरंग ने दावा किया कि इस याचिका में गलत बयानी की गई है।
बता दें कि गुरुंग को जीजेएम ने निलंबित कर बिनय तमांग को नए पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुना था।
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Source : News Nation Bureau