पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का आंदोलन हिंसक होने के बाद वहां हालात बदतर होते जा रहे हैं। इलाके में जीजेएम समर्थकों और पुलिस के बीच हुए हिंसक झड़प में 36 पुलिस वाले बुरी तरह घायल हो गए। इनमें पांच पुलिसकर्मी ऐसे हैं जिन्हें गोली भी लगी है। इन सभी घायल पुलिसकर्मियों को 20 अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
दार्जिलिंग इलाके के एडीजी ऑपरेशंस ने खुद इस बात की जानकारी दी है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लोग अलग राज्य की मांग को लेकर करीब एक हफ्ते से आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं।
36 policemen injured today, out of which 20 in hospital, 5 received gunshot injuries & 2 injured by sharp weapon: ADG Operations #Darjeeling pic.twitter.com/tSPezQcDQW
— ANI (@ANI_news) 17 June 2017
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के विधायक के बेटे की गिरफ्तारी और पार्टी के नेता के घर गुरुवार रात हुई तोड़फोड़ के बाद ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था। शनिवार को जीजेएम प्रदर्शनकारियों ओर सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में एक नागरिक और आईआरबी के असिस्टेंट गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
बिगड़े हालात को देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया। ममता बनर्जी ने इस हिंसा के पीछे साजिश का आरोप लगाया है। इसके साथ ही सीएम ने कहा है कि जीजेएम के संबंध पूर्वोत्तर के आतंकियों से भी हैं। दार्जिलिंग में खराब होते माहौल को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्य की सीएम ममता बनर्जी से बात की है।
स्थिति बिगड़ने के बाद राज्य के सिंगमारी इलाके में केंद्र सरकार ने सेना की तैनाती कर दी है। सिंगमारी इलाका जीजेएम समर्थकों और पुलिस के बीच अखाड़ा बना हुआ है।
इससे पहले जीजेएम की महिला शाखा ने पार्टी के सहायक महासचिव बिनय तमांग के आवास पर हुई छापेमारी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दार्जिलिंग के उत्तर में स्थित सिंगमड़ी में रैली निकाली थी, जिसके बाद व्यापक हिंसा शुरू हो गई।
सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने अलग गोरखालैंड की मांग करते हुए हाथों में तिरंगा थामे 'गोरखालैंड गोरखालैड' के नारे लगाए। महिला कार्यकर्ताओं ने 'पुलिस वापस जाओ' के नारे लगाते हुए पुलिस बेरिकेड को धक्का दिया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
जीजेएम सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य किए जाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग एवं कालिम्पोंग जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा भी की है। हालांकि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि नया नियम पहाड़ी जिलों में नहीं लागू किया जाएगा।
HIGHLIGHTS
- दार्जिलिंग हिंसा में 36 पुलिसवाले घायल, सीएम ने आपात बैठक की
- पहाड़ी इलाके दार्जिलिंग में हिंसा के बाद गृह मंत्री ने सीएम ममता से की बात