दारुल उलूम देवबंद ने एक नया फतवा जारी किया है जिसमें कहा गया है कि भगवान श्री राम की पूजा-आरती करने वाली मुस्लिम महिलाएं अब मुसलमान नहीं रही। दारुल उलूम ने यह फतवा उन महिलाओं के खिलाफ जारी किया है जिन्होने दीवाली के मौके पर वाराणसी में आरती की थी।
दारुल उलूम जकरिया के मौलाना मुफ्ती शरीफ खान ने फतवा जारी करते हुए कहा कि वाराणसी में श्री राम की तस्वीर के सामने आरती करना इस्लाम के खिलाफ है। ऐसा करने वाला मुसलमान नहीं रहता और वो ईमान से खारिज हो जाता है।
मौलाना ने कहा कि इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करने की इजाजत नहीं है।
गौरतलब है की पिछले एक महीने में देवबंद की ओर से यह तीसरा विवादित फतवा जारी किया गया है।
यह भी पढ़ें: दारुल उलूम का फतवा, सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करना मुसलमानों के लिये हराम
इससे पहले दारुल उलूम ने फतवा जारी कर मुस्लिम पुरुष और महिलाओं के सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट करने को गैर इस्लामी करार दिया था। दारुल उलूम का कहना था कि 'जब बेवजह फोटो खींचना इस्लाम में मना है तो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।'
फतवा विभाग के मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा कि सोशल साइट पर परिवार या अन्य किसी भी महिला का फोटो अपलोड नहीं करना चाहिए। इस्लाम में इसके लिए मनाही की गई है।
मुफ्तियों की खंडपीठ ने कहा जब फोटो खिंचवाने की इजाजत नहीं है तो फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर आदि साइट पर फोटो अपलोड करने को सही कैसे कहा जा सकता है। इसलिए सोशल साइट पर फोटो अपलोड करना नाजायज है। जिस पर मुसलमानों को अमल करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के बाल कटवाने, आइब्रो बनवाने को बताया इस्लाम के खिलाफ
Source : News Nation Bureau