राफेल डील: दसॉल्ट की सफाई- स्वतंत्र रूप से किया रिलायंस का चुनाव

भारत-फ्रांस के बीच राफेल सौदे को लेकर दसॉल्ट एविएशन ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि उसने रिलायंस कंपनी का चुनाव ज्वॉइंट वेंचर के पार्टनर के रूप में स्वतंत्र रूप से किया है.

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Deepak Kumar
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राफेल डील: दसॉल्ट की सफाई- स्वतंत्र रूप से किया रिलायंस का चुनाव

दसॉल्ट एविएशन का खुलासा (एएनआई)

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भारत-फ्रांस के बीच राफेल सौदे को लेकर दसॉल्ट एविएशन ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि उसने रिलायंस कंपनी का चुनाव ज्वॉइंट वेंचर के पार्टनर के रूप में स्वतंत्र रूप से किया है. दसॉल्ट एविएशन ने बताया कि इस सौदे ते तहत राफेल एयरक्राफ्ट और फाल्कॉन 2000 बिज़नेस जेट्स के पार्ट्स बनाए जाएंगे. 

दसॉल्ट एविएशन ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा, 'भारत और फ्रांस सरकार के बीच सितम्बर 2016 में हुए डील के आधार पर भारत को 36 राफेल बेचे गए हैं.' एविएशन कंपनी ने यह भी बताया कि राफेल विमान की पूर्ति के लिए यह नया वेंचर बनाया गया है.

दसॉल्ट एविएशन ने बताया, 'भारतीय नियमों (रक्षा खरीद प्रक्रिया) के अनुपालन के लिए उसे 50 फीसदी का ऑफसेट अनुबंध करना था. इसके लिए कंपनी ने एक ज्वॉइंट वेंचर बनाने का फैसला किया और स्वंतत्र रूप से रिलायंस ग्रुप का चुनाव किया.'

दसॉल्ट एविएशन ने बताया, '10 फरवरी 2017 को इस ज्वॉइंट वेंचर का निर्माण किया गया और इसे दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) का नाम दिया गया.'

दसॉल्ट एविएशन ने अपने बयान में कहा, 'इस सौदे में फ्रांस के नियमों का भी पालन किया गया है. इसी के तहत 11 मई 2017 को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर लोइक सेगलन ने रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड के गठन की जानकारी सेंट्रल वर्क काउंसिल को दी थी.'

स्पष्टीकरण में कहा गया कि 'दसॉल्ट एविएशन ने बीटीएसएल, डीईएफएसवाईएस, काइनेटिक, महिंद्रा, मैनी और एसएएमटीईएल जैसी अन्य कंपनियों से भी साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा 100 अन्य संभावित साझीदारों के साथ बातचीत जारी है.'

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नागपुर में 27 अक्टूबर 2017 को बने डीआरएएल प्लांट में फाल्कॉन 2000 विमानों के पार्ट्स का निर्माण होगा और दूसरे चरण में राफेल विमान के लिए पार्ट्स बनाए जाएंगे. इस साल के अंत तक पहले फाल्कॉन 2000 के पार्ट्स का निर्माण हो जाएगा. कंपनी ने बताया कि इसके लिए फ्रांस ने भारतीय प्रबंधकों और कुशल श्रमिकों की एक टीम को ट्रेनिंग दी थी.

बता दें कि राफेल विमान सौदा 2012 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हुआ था. शुरुआत में, भारत ने फ्रांस से 18 ऑफ द शेल्फ जेट खरीदने की योजना बनाई थी. इसके अलावा 108 विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाना था.

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59 हजार करोड़ के राफेल सौदे में फ्रांस की एविएशन कंपनी दसॉल्ट की रिलायंस मुख्य ऑफसेट पार्टनर है. फ्रांस की एक वेबसाइट ने इस डील से लेकर एक नई रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में दसॉल्ट एविएशन के कथित डॉक्यूमेंट इसकी पुष्टि करते हैं कि उसके पास अनिल अंबानी की कंपनी को पार्टनर चुनने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था.

Source : News Nation Bureau

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