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Cafe Coffee Day के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सोमवार शाम से थे लापता

नेत्रावती नदी में पूरे दिन सर्च ऑपरेशन चलाए जाने के बाद आखिरकार वीजी सिद्धार्थ के शव को बरामद कर लिया गया है.

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Sunil Mishra
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Cafe Coffee Day के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सोमवार शाम से थे लापता

vg siddhartha (File Photo)

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कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ (VG Siddhartha) का शव नेत्रावती नदी से बरामद कर लिया गया है. सिद्धार्थ सोमवार शाम से लापता थे. कर्नाटक पुलिस समेत कई टीमें उनकी तलाश कर रही थीं. नेत्रावती नदी के पास से ही सिद्धार्थ सोमवार शाम को लापता हुए थे. उनके ढूंढने के लिए जारी सर्च ऑपरेशन के दौरान उनका भावुक लेटर भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से माफी मांगते हुए कहा था कि सारे वित्तीय लेनदेन के जिम्मेदार वो ही थे. इस लेटर के बाद से ही पुलिस को वीजी सिद्धार्थ के आत्मह्तया करने की आशंका थी. नेत्रावती नदी में पूरे दिन सर्च ऑपरेशन चलाए जाने के बाद आखिरकार वीजी सिद्धार्थ के शव को बरामद कर लिया गया है.

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मंगलोर के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने बताया, "हमें बुधवार तड़के ही वीजी सिद्धार्थ का शव मिला. हम शरीर को वेनलॉक अस्पताल में स्थानांतरित कर रहे हैं. हम आगे की जांच जारी रखेंगे.

बताया जा रहा है कि 29 जुलाई को मंगलोर आते समय बीच रास्ते में सिद्धार्थ शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतरकर टहलने लगे थे. इस दौरान वे अचानक लापता हो गए थे. उनका मोबाइल भी स्‍विव ऑफ जा रहा था. कॉफी किंग के नाम से मशहूर वीजी सिद्धार्थ जिस जगह से लापता हुए थे, वो बेंगलुरू से करीब 375 किलोमीटर दूर है. घंटे भर तक नहीं लौटे तो ड्राइवर ने उनकी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिले. इसके बाद ड्राइवर की सूचना पर परिवार ने पुलिस को खबर किया था.

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कर्नाटक के पूर्व सीएम एसएम कृष्णा की पहली बेटी मालविका से वीजी सिद्धार्थ ने शादी की थी. उनके दो बेटे हैं. कैफे कॉफी डे के अलावा सिद्धार्थ और भी वेंचर संभाल रहे थे. इसमें सेवन स्टार होटल भी शामिल हैं.

कॉफी बागान के मालिक थे सिद्धार्थ
वी.जी. सिद्धार्थ ऐसे परिवार से थे, जिसका जुड़ाव कॉफी की खेती की 150 वर्ष पुरानी संस्कृति से है. उनके परिवार के पास कॉफी के बागान थे. '90 के दशक में कॉफी मुख्यतः दक्षिण भारत में ही पी जाती थी और इसकी पहुंच पांच सितारा होटल तक ही थी. सिद्धार्थ कॉफी को आम पहुंच तक ले जाना चाहते थे. सिद्धार्थ का सपना और परिवार की कॉफी बिजनेस में गहरी समझ ही कैफे कॉफी डे की शुरुआत का कारण था.

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ऐसे हुई थी Cafe Coffee Day की शुरुआत
1996 के जुलाई में बेंगलुरु की ब्रिगेड रोड से कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) की शुरुआत हुई थी. पहली कॉफी शॉप इंटरनेट कैफे के साथ खोली गई. इंटरनेट के साथ कॉफी का मजा नई उम्र के लिए खास अनुभव था. समय के साथ सिद्धार्थ ने देशभर में कॉफी कैफे के रूप में बिजनेस करने का निर्णय लिया था. आज कॉफी कैफे डे (CCD) देश की सबसे बड़ी कॉफी रिटेल चेन बन गई है. इस समय देश के 247 शहरों में कॉफी कैफे डे के कुल 1,758 कैफे हैं. खास बात यह है कि कंपनी फ्रैंचाइजी मॉडल पर काम नहीं करती और सभी कैफे कंपनी के अपने हैं.

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