कोरोना के कारण हाल ही में जामिया के चार वरिष्ठ प्रोफेसर्स की मौत गई. जामिया के प्रोफेसर्स अपने साथियों की मौत से दुखी हैं, लेकिन उन्होंने डरने की बजाय इससे लड़ने का उपाय ढूंढा है. जामिया के प्रोफेसर्स फंड जुटाकर विश्वविद्यालय परिसर में ही 50 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल बनाने में जुट गए हैं. इसके लिए 50,000 रुपये का सबसे पहला योगदान जामिया के एक शिक्षक ने दिया है. जामिया के शिक्षक एसोसिएशन (जेटीए) ने विश्वविद्यालय परिसर में 50 बेड वाले अस्पताल के निर्माण के लिए फंड जुटाने की यह अपील की है. यह अपील खासतौर पर रमजान के पवित्र महीने में की गई है. इस दान की शुरूआत घर से करते हुए जेटीए सचिव डॉ. एम. इरफान कुरैशी ने 11 मई को अपने बैंक खाते से जामिया अस्पताल के लिए 50,000 रुपये का पहला योगदान किया.
जेटीए के सचिव डॉ एम इरफान कुरैशी बताया कि जामिया के कई शिक्षक और कर्मचारी अच्छे अस्पतालों की चाह में यहां-वहां भटकते रहे. सही उपचार के आभाव में कई लोगों ने कोविड 19 में अपनी जान गंवा दी. कई गैर शिक्षण स्टाफ सदस्यों और सेवानिवृत्त शिक्षकों की मृत्यु के अलावा, चार-सेवारत शिक्षक - डॉ सावित्री (राजनीति विज्ञान), प्रोफेसर शफीक अंसारी (नैनोटेक्नोलॉजिस्ट एवं निदेशक आईक्यूएसी), प्रोफेसर, रिजवान कैसर (इतिहासकार एवं पूर्व जेटीए सचिव), और डॉ. अभय कुमार शांडिल्य (संस्कृत विभाग) ने अपनी जान गंवा दी.
जेटीए ने जामिया की कुलपति को 50-बेड वाला अस्पताल बनवाने का आग्रह करने के लिए पत्र लिखा गया है. जामिया ने रजिस्ट्रार (जामिया अस्पताल), जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नाम पर धन जुटाने के लिए एक वित्तीय योगदान हेड बनाने का अनुरोध किया गया है. इस पत्र में, जेटीए ने आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं से पूरी तरह सुसज्जित एक बहु-विशेषता अस्पताल बनाने के लिए कुलपति, प्रोफेसर नजमा अख्तर को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.
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गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में केवल 20 दिनों के भीतर 44 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो चुकी है. इनमें 26 प्रोफेसर्स भी शामिल हैं. वहीं जेएनयू में अभी तक 280 से अधिक छात्र व अध्यापक शिक्षक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के 500 से अधिक शिक्षक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं और कई शिक्षकों एवं गैर शिक्षक स्टाफ की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है.
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डॉ. एम इरफान कुरैशी बताया कि यह सही समय है जब हम जामिया के मेडिकल कॉलेज के लिए प्रयास करते हुए, बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जामिया का अपना एक पूर्ण मेडिकल कॉलेज का होना 100 साल पुराना सपना रहा है, और 50-बेड वाले अस्पताल की स्थापना से जामिया मेडिकल कॉलेज के लिए जल्द ही रास्ते खुलेंगे.
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जेटीए के अध्यक्ष प्रो. माजिद जमील ने कहा, कोविड-19 महामारी संकट से कई कीमती जानों का नुकसान हुआ है. जामिया बिरादरी और मानवता की सेवा करने के महान कार्य के लिए धन जुटाने की अपील जारी करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. मुझे विश्वास है कि जामिया के शिक्षक, पूर्व छात्र और साथी नागरिक जो जामिया का समर्थन करना चाहते हैं, एक खुलेपन के साथ योगदान करेंगे और इस सपने को वास्तविकता में बदलने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेंगे. जेटीए के उपाध्यक्ष प्रो.नफीस अहमद ने कहा कि जल्द से जल्द जामिया मिलिया इस्लामिया में एक अस्पताल को खड़ा करना समय की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रस्तावित अस्पताल को सबसे उन्नत उपकरण और विशेषज्ञ चिकित्सा और पैरामेडिकलस्टाफ से लैस करेगा.
HIGHLIGHTS
- जामिया के 4 वरिष्ठ प्रोफेसर्स की कोविड से मौत
- अलीगढ़ में 44 लोगों की कोरोना से हुई थी मौत
- जामिया परिसर में 50 बेड के अस्पताल के लिए चंदा दिया