केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हर बाल यौन उत्पीड़न का जवाब 'मौत की सजा नहीं'

केंद्र ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि हर बाल यौन उत्पीड़न के मामले का जवाब मौत की सजा नहीं है और पॉस्को अधिनियम, 2012 में अपराध के स्तर के अनुसार अलग-अलग सजा का प्रावधान है।

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हर बाल यौन उत्पीड़न का जवाब 'मौत की सजा नहीं'

हर बाल यौन उत्पीड़न का जवाब मौत की सजा नहीं : केंद्र

Advertisment

केंद्र ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि हर बाल यौन उत्पीड़न के मामले का जवाब मौत की सजा नहीं है और पॉस्को अधिनियम, 2012 में अपराध के स्तर के अनुसार अलग-अलग सजा का प्रावधान है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस. नरसिम्हा ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ से कहा, 'हर समस्या का हल मौत की सजा नहीं है। पॉस्को के तहत वर्गीकृत अपराधों के अनुसार वर्गीकृत दंड हैं।'

यह पीठ आठ महीने की बच्ची के साथ हुए बलात्कार के मामले की सुनवाई कर रही है। बच्ची का अभी एम्स में इलाज चल रहा है। केंद्र मामले पर अपनी स्थिति रख रहा था क्योंकि याचिकाकर्ता वकील ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जानना चाहा कि यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम (पॉस्को) के तहत क्या सजा है। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा, 'हम मौत की सजा का सुझाव नहीं दे सकते, जैसा कि आप सुझाव दे रहे हैं।'

इस मामले को नृशंस बताते हुए अदालत ने पॉस्को के तहत लंबित मामलों की संख्या, उनके मुकदमे की स्थिति व मुकदमे में लगने वाले समय का आंकड़ा मांगा।

और पढ़ें: दिल्ली: 28 साल के चचेरे भाई ने 8 महीने की बच्ची से किया बलात्कार

अदालत ने यह आंकड़ा याचिकाकर्ता द्वारा पॉस्को मामलों की फास्ट ट्रैक सुनवाई की मांग पर मांगा, जिसमें उसने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि इस तरह के मामलों में तीन साल में फैसले आते हैं।

अदालत के बुधवार के आदेश के पालन में एम्स के दो चिकित्सक कलावती सरण अस्पताल गए और बच्ची की जांच की।

अदालत को बताया गया कि अब बच्ची को एम्स में स्थानांतरित कर दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की गई है।

बता दे कि दिल्ली के नेताजी सुभाष पैलेस इलाके में 8 महीने की बच्ची के साथ उसके ही चचेरे भाई (28) ने बलात्कार किया था। बच्ची का मेडिकल कराए जाने के बाद बलात्कार की पुष्टि हुई थी। 

और पढ़ें: मणिपुर: घुसपैठ करने की कोशिश में तीन रोहिंग्या महिलाएं गिरफ्तार

Source : IANS

Supreme Court government delhi 8 month girl raped child rapist
Advertisment
Advertisment
Advertisment