भारत में मंगलवार को कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 10000 पार कर गयी और केंद्र ने रोजाना परीक्षण क्षमता बढ़ाकर तीन लाख कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने में छठवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श शुरू करते हुए जीवन और आजीविका दोनों के महत्व पर बल दिया. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में लगातार पांचवे दिन 10,000 से अधिक नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,43,091 हो गए जबकि 380 और लोगों के जान गंवाने के बाद मरने वालों की संख्या 9,900 हो गई. दुनियाभर में इस बीमारी से अबतक 437,283 लेागों की मौत हुई है और इस लिहाज से भारत आठवें नंबर पर है.
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देश में रात साढ़े नौ बजे तक देश में इस बीमारी से अबतक 10,057 मरीजों की मौत हुई जिनमें सत्तर फीसद मरीज महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के थे. इसी बीच, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि देश में कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है बल्कि दिन प्रतिदिन स्थिति और खराब होती जा रही है. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने ड्रग रैकेट के मामले में आरोपी जगजीत सिंह चहल के पैरोल आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘आप देखिये, कोविड-19 की स्थिति प्रत्येक गुजरते दिन के साथ अच्छी नहीं हो रही है. देश में यह खराब ही हो रही है.
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शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा था कि दिल्ली तथा चार अन्य राज्यों-- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात में कोविड-19 की स्थिति गंभीर है. अपने वीडियो संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां एक तरफ जांच और मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने पर जोर देने के साथ-साथ स्वास्थ्य ढांचे को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है, वहीं दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि करनी होगी. उन्होंने कहा अनलॉक-एक’ को दो सप्ताह हो रहे हैं. इस दौरान जो अनुभव आए हैं, उसकी समीक्षा करना आवश्यक है. मोदी ने कहा कि किसी भी संकट से निपटने के लिए सही समय (टाइमिंग) का बहुत महत्व होता है.
Source : Bhasha