मौत का भय निर्दोष को ही नहीं दोषी को भी होता है. इसकी बानगी देखने-सुनने को मिली निर्भया कांड के ही चार में से एक मुजरिम विनय कुमार शर्मा की मुंह-जुबानी. दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने जैसे ही उसके 'डेथ वारंट' (मौत का फरमान) पर मुहर लगाई, वो अवाक रह गया. तिहाड़ जेल के डॉक्टरों ने अदालती फरमान के बाद जब चारों आरोपियों का मेडिकल चैकअप किया, तो विनय कुमार शर्मा की शुगर का स्तर बेहद निचले स्तर यानी 53-54 पर जा पहुंचा था.
इस बात की तस्दीक शुक्रवार रात आईएएनएस से बाततीच करते हुए विनय, अक्षय और पवन के अधिवक्ता ने खुद की. तीनों के कानूनी पक्ष को देख रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह के मुताबिक, 'आज ही शाम (शुक्रवार 10 जनवरी 2020) करीब ढाई घंटे तक मैं उन तीनों से तिहाड़ जेल में जाकर मिला हूं. तीनों बेहद डरे हुए और डिस्टर्ब हैं.' बकौल ए.पी. सिंह, 'तिहाड़ जेल में शुक्रवार को हुई मुलाकात के दौरान विनय ने उन्हें बताया कि डेथ वारंट जारी होने की बात सुनते ही उसके होश उड़ गये थे, तिहाड़ जेल के डॉक्टरों ने जब उसका मेडिकल चैकअप किया तो शुगर लेबल 53-54 मिला.'
उन्होंने आगे कहा, 'डेथ वारंट जारी होने के बाद से विनय के घर वाले ही उससे मिलने तिहाड़ जेल पहुंचे हैं. डेथ वारंट जारी होने के बाद से अब तक पवन और अक्षय से मिलने परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा है.' एक सवाल के जबाब में मौत की सजा पाये तीनों मुजरिमों के कानूनी सलाहकार ने माना, 'डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही तीनों मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं. कुछ खाने पीने का भी उनका मन नहीं कर रहा है. जेल बैरक में उनके साथ मौजूद अन्य साथी कैदी उन्हें कोशिश करके खाना बगैरह खिला देते हैं.'
शुक्रवार को ढाई घंटे तक तिहाड़ जेल में चली मुलाकात में सजा-ए-मौत पाये मुवक्किलों (निर्भया के हत्यारे) ने और क्या कुछ दिल की बातें कीं? पूछने पर वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने आईएएनएस से कहा, 'बस तीनों को अब चिंता है कि जान कैसे बचेगी? अक्षय को अपने उस बेटे की चिंता है, जो निर्भया कांड में अक्षय की गिरफ्तारी के वक्त सिर्फ 2 महीने का था. डेथ-वारंट के बाद से अक्षय पत्नी और बेटे के भविष्य को लेकर भी परेशान सा दिखाई दिया. डेथ वारंट के बाद से अक्षय की पत्नी और बेटा अभी तक उससे मिलने जेल नहीं पहुंच पाये हैं.'
निर्भया के हत्यारों का 'डेथ वारंट' जारी होने से तो जेल में भी मुजरिमों के आसपास का माहौल एकदम बदला-बदला सा होगा? पूछने पर उनके वकील ने कहा, 'हां माहौल बदल जाना लाजिमी है. मौत की सजा हुई है। उम्रकैद नहीं.' डेथ वारंट जारी होने के बाद से, शुक्रवार को जेल में हुई उनसे पहली मुलाकात में तीनों की जिंदगी में अचानक क्या-क्या तब्दीलियां आई, महसूस कीं? पूछने पर पवन, विनय और अक्षय के वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने आईएएनएस को बताया, 'सब कुछ बदल गया है. जेल की सलाखों की दुश्वारियां, मौत के फरमान के सामने छोटी नजर आने लगी हैं. उन तीनों से ही कुछ समय की मुलाकात से मैंने तो यही महसूस किया है. तीनों ही कह रहे थे मुझसे, 'वकील साहब देख लो. जो कुछ कानूनी कदम उठा सकते हो जल्दी उठा लो तो शायद जान बच जाये. वरना फांसी पर हमारा चढ़ना तय है.'
डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल में हुई पहली मुलाकात के बारे में बताते हुए विनय के वकील ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, 'खुद फांसी के फंदे पर चढ़ाये जाने का फरमान सुनने के बाद विनय जेल में घटी उस घटना का जिक्र कर रहा था, जिसमें उसने एक सजायाफ्ता कैदी को फांसी चढ़ने से बचा लिया.' उस बाकये का जिक्र करते हुए विनय ने अपने वकील को बताया, 'जिस कैदी की जिंदगी उसने सन 2018 में जेल में बचा ली उसका नाम राजू खान है. राजू खान का उपनाम तमन्ना भी है. राजू खान हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा तिहाड़ में काट रहा है. राजू खान जेल में फंदे पर लटककर आत्महत्या की कोशिश कर रहा था.' बकौल एपी सिंह, 'राजू खान की जान जा पाती, उससे पहले ही निर्भया के ह्त्यारे और खुद फांसी के फंदे पर लटकने के इंतजार में घड़ियां गिन रहे विनय शर्मा ने उसे फंदे पर चढ़कर आत्महत्या करने से बचा लिया था.'
विनय को जब खुद का 'डेथ वारंट' अदालत से हाथ में मिल गया है तब, वो (विनय शर्मा) दो साल पुरानी घटना का जिक्र क्या अब समाज की हमदर्दी लेने के लिए सुना-बता रहा है? आईएएनएस के सवाल के जबाब में विनय के वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा, 'नहीं ऐसा नहीं है. अब किस बात की किससे और कैसी सिम्पेथी की उम्मीद? जब अदालत ने डेथ वारंट जारी कर ही दिया है. यह तो तिहाड़ जेल में शुक्रवार को हुई मुलाकात में विनय ने मुझसे जिक्र किया तो मैंने आपको बता दिया.'
Source : IANS