गुरुवार को लोकसभा में आधी रात तक कामकाज देखने को मिला. दरअसल, पिछले 18 साल में पहली बार गुरुवार को लोकसभा में आधी रात तक चर्चा हुई. रात करीब 12 बजे तक रेलवे की अनुदान मांग पर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान विपक्ष के सांसद भी मौजूद थे.
रात 11 बजकर 58 मिनट तक हुई चर्चा
गुरुवार को वर्ष 2019-20 के लिए लोकसभा में रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अनुदान मांगों पर आधी रात तक चर्चा हुई. निचले सदन में रात 11 बजकर 58 मिनट तक सदस्यों ने चर्चा की. इस चर्चा में करीब 100 सदस्यों ने भाग लिया. सदस्यों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी इस दौरान उठाया.
S Angadi, MoS Railways on Parliament functioning till midnight: Railways is like a family that takes everyone together & satisfies everyone, all members gave good suggestions. Railways has changed since PM Modi came, what Vajpayee ji did for roads, Modi ji is doing for railways. pic.twitter.com/9QkiHX1sqg
— ANI (@ANI) July 11, 2019
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चर्चा के बाद रेल राज्यमंत्री सुरेश चन्नबसप्पा अंगदी ने कहा कि रेलवे एक परिवार की तरह है जो सभी को एक साथ लेकर चलता है और सभी को संतुष्ट करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद से रेलवे में काफी बदलाव आया है. वाजपेयी जी ने जो काम सड़कों के लिए किया है. वहीं काम मोदी रेलवे के लिए कर रहे हैं.
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कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि रेलवे में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) और विनिवेश के जरिए रेलवे को निजीकरण की ओर ले जाया जा रहा है. विपक्ष का कहना है कि सरकार को वादों की बजाय रेलवे की स्थिति में सुधार करना चाहिए. वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्ष के आरोप को खारिज किया है. सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि भारतीय रेलवे नित नए कीर्तिमान बना रहा है.