Indian Railways Deccan Queen: भारतीय रेलवे की पहली डीलक्स ट्रेन में आने वाली डेक्कन क्वीन (Deccan Queen) को पुणे से मुंबई के बीच चलते हुए आज 93 साल पूरे हो गए हैं. सेंट्रेल रेलवे ने इस बात की पुष्टि की. डेक्कन क्वीन के परिचालन के गौरव पल को मनाने के लिए रेल प्रेमियों और अधिकारियों ने उत्साह के साथ दो बड़े केक काटे और जन्मदिन मनाया. इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल भी पुणे रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे. मध्य रेलवे (Central Railway) ने कहा "93 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास में ट्रेन ने दो शहरों को जोड़ने का काम किया है. इसने वफादार यात्रियों की एक पीढ़ी को आपस में जोड़ने का काम किया है. इस खास दिन को मनाने के लिए डेक्कन क्वीन को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया. वहीं ट्रेन जिस प्लेटफॉर्म से निकली, उसे आकर्षक रंगोली से सजाया गया. यहां पर संगीत का आनंद यात्रियों ने लिया.
#TodayInHistory
Deccan Queen, one of the first super fast intercity express of #GIP Railway (predecessor of Central Railway) was introduced between #Mumbai and #Pune on this day (1.6.1930). @RailMinIndia pic.twitter.com/oqqZpGwRfT— Central Railway (@Central_Railway) June 1, 2023
मध्य रेलवे की ओर से जारी रिलीज के अनुसार, डेक्कन क्वीन एक जून 1930 को पटरी पर उतरी थी. आज तक के सफर के बाद वह मील का पत्थर साबित हुई. रिलीज में कहा गया कि डेक्कन क्वीन नाम इसके क्षेत्र के अनुसार पड़ा. इसने दो अहम शहरों को आपस में जोड़ने काम किया. पुणे और मुंबई को जोड़ने वाली ये पहली डीलक्स ट्रेन थी. इसका नाम पुणे के नाम पर रखा गया था. इसे ‘दक्खन की रानी’ के नाम से इसलिए जाना जाता है.
रिलीज के अनुसार, शुरू इस ट्रेन में सात डिब्बे हुआ करते थे. एक ट्रेन सिल्वर रंग की थी. इस पर लाल धारियां उकेरी गई थीं. वहीं दूसरी नीले रंग की थी. उस पर सुनहरे रंग की धारियां बनी हुईं थीं.
इग्लैंड में बना था डिब्बे का निचला हिस्सा
ट्रेन के कुछ भागों को इंग्लैंड में तैयार किया गया था. रिलीज के अनुसार ट्रेन में पहले सिर्फ प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी की ही सीटें थीं. मगर एक जनवरी 1949 को प्रथम श्रेणी को बंद कर दिया गया. इसकी सिर्फ द्वितीय श्रेणी को रखा गया. जून 1955 तक ट्रेन में तृतीय श्रेणी की सीटों को भी जोड़ा गया.
रिलीज के अनुसार, 1966 में तमिलनाडु में निर्मित स्टील कोच को एंटी टेलीस्कोपिक इंटीग्रल कोच में बदल दिया गया. ट्रेन के डिब्बों की संख्या भी मूल रेक के सात डिब्बों से बढ़ाकर 12 कर दी गई. इससे यह ट्रेन अधिक यात्रियों को ढोने में सक्षम होगी. अभी भी ट्रेन में डिब्बों की संख्या को बढ़ाने का सिलसिला जारी है. ये ट्रेन मौजूदा समय में 16 डिब्बों से लैस है.
LHB कोच से ट्रेन की बढ़ेगी स्पीड
रिलीज में कहा गया है कि बीते साल से डेक्कन क्वीन नए 'लिंक हॉफमैन बुश'(LHB) कोच के साथ यह ट्रेन संचालित हुई. इसके पुराने डिब्बो को अधिक सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है. एलएचबी कोच में ट्रेन की गति अधिक होती है.
Source : News Nation Bureau