कुतुबमीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों की मौजूदगी के आधार पर पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाली याचिका से संबंधित फैसला आज नहीं आ सका, पिछली सुनवाई पर अतिरिक्त जिला जज ने इस याचिका के संबंध में सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे आज कोर्ट में सुनाया जाना था, लेकिन ऐन मौके पर मामले में एक नई एप्लीकेशन दाखिल होने से फैसला टल गया. यह एप्लीकेशन कुंवर महेंद्र नामक शख्स की ओर से दाखिल की गई, उनके अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कुंवर महेंद्र मेरठ से लेकर आगरा प्रांत तक की जमीन के मालिक हैं. जिस से संबंधित एप्लीकेशन तमाम एजेंसियों को पहले दी जा चुकी है, उस आधार पर कुतुबमीनार उनकी जमीन पर मौजूद है इसलिए इस मामले में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए.
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इस अर्जी पर अतिरिक्त जिला जज दिनेश कुमार ने अन्य पक्षकारों से पूछा कि क्या वह नई अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करेंगे या इसके ऊपर बहस करेंगे. साथ ही एप्लीकेशन की कॉपी सभी पक्षकारों को देने का निर्देश दिया. पक्षकारों ने कहा कि वह इस एप्लीकेशन को पढ़ने के बाद अपना जवाब दाखिल करेंगे, हालांकि एएसआई के वकील ने अर्जी का विरोध किया कि इस मौके पर यह अर्जी दाखिल करने का आधार नहीं बनता. इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था तो यह अर्जी बेवजह मामले को लंबित करने के लिए दाखिल की गई है. इसके बाद अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए अगली तारीख तय कर दी.
कोर्ट में दायर हिंदू संगठन की याचिका में यह दावा है कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित मस्जिद का निर्माण 27 हिंदू-जैन मंदिरों को तोड़कर किया गया था. वहां अभी भी देवी देवताओं की कई मूर्तियां हैं, इसलिए पूजा का अधिकार मिलना चाहिए. इस याचिका को पहले सिविल कोर्ट ने सुनवाई लायक न मानते हुए खारिज कर दिया था, जिसके बाद इसकी अपील अतरिक्त जिला न्यायाधीश की कोर्ट में की गई. आज अतिरिक्त जिला जज को यह फैसला करना था कि यह याचिका सुनवाई लायक है या नहीं.
Source : Avneesh Chaudhary