आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सिंघु बॉर्डर पर आयोजित की गयीं. जिसमे सभी बॉर्डर के संगठनो के मुखिया शामिल हुए. बैठक में चर्चा करते हुए आंदोलन को तेज करने पाए चर्चा की करते हुए किसानों ने कहा कि सरकार किसानों को थकाना चाहती है. सरकार बिल वापसी व समर्थन मूल्य कानून पर कोई बात नही कर रही है. किसानों में इसको लेकर आक्रोश है. बैठक में प्रस्ताव पास कर 5 जून 2021 को अध्यादेश के 1 साल होने पर भाजपा सांसदों/ विधायकों के घर पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएगी. जिन जनपदो में भाजपा के सांसद / विधायक नही है वहाँ पर जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी के कार्यालय पर कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा. संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर भाकियू द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है.
केंद्र की मोदी सरकार के लिए गले की फांस बना किसानों का आंदोलन एक बार फिर से तेज होने लगा है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर धरना जारी है, मगर महामारी की वजह से अधिकतर किसान घरों को लौट गए थे तो मंच पर जमने वाली नेताओं की भीड़ भी बिजली की तरह गुल हो गई थी. अब फिर आंदोलन को मजबूती देने के लिए किसानों की जमात जुटने लगी है तो विरोध प्रदर्शन का दौर भी शुरू होने जा रहा है. वहीं किसानों के आंदोलन का समर्थन कर सियासत फिर पैर जमा रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है तो उसका समर्थन करते हुए मोदी विरोधी तमाम दल एक साथ आकर किसानों के साथ खड़े हो गए हैं.
गौरतलब है कि तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिनों में समाधान के लिए कई दौर की बैठकें हुई थीं, लेकिन कोई हल नहीं निकला था. किसान इन तीनों कानूनों में संशोधन को तैयार नहीं हैं, बल्कि उनको को वापस लेने की जिद पर अड़े हैं. जबकि मोदी सरकार कानूनों में संशोधन को तैयार है.
HIGHLIGHTS
- सरकार बिल वापसी व समर्थन मूल्य कानून पर कोई बात नही कर रही है
- किसानों में इसको लेकर आक्रोश है
Source : News Nation Bureau