पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Raj Nath Singh)ने मीटिंग बुलाई है. राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) को बैठक में बुलाया है. सूत्रों की मानें तो लद्दाख में पैदा हुए स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री ने यह बैठक बुलाई है. सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों में बातचीत चलने के बावजूद, भारत ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे लगभग सभी संवेदनशील इलाकों में और सैनिकों की तैनाती की है जो चीन के समान सैन्य ताकत को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है.
चीन के क्या हैं मंसूबे और स्थिति को कैसे नियंत्रण में लाया जाए इसे देखते हुए राजनाथ सिंह ने सीडीएस चीफ बिपिन रावत समेत सेना प्रमुखों के साथ बैठक बुलाई है.
Defence Minister holds meeting with Chief of Defence Staff General Bipin Rawat and the services chiefs for reviewing situation in Ladakh: Sources
— ANI (@ANI) June 12, 2020
इधर, भारत और चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) विवाद के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक स्तर पर संवाद बनाये रखने पर सहमति जतायी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने स्थिति के जल्द शांतिपूर्ण समाधान के लिये सैन्य और राजनयिक बातचीत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने की भी बात कही है जो दोनों देशों के नेताओं के व्यापक मार्गदर्शन में हो.
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वहीं, सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों में बातचीत चलने के बावजूद, भारत ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे लगभग सभी संवेदनशील इलाकों में और सैनिकों की तैनाती की है जो चीन के समान सैन्य ताकत को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है.
सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों का पैंगोंग और पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आमने सामने का टकराव जारी है. सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया था कि दोनों देशों की सेनाओं ने गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में गश्ती प्वांइट 14 और 15 पर पीछे हटना शुरू किया है और चीनी पक्ष दो क्षेत्रों में 1.5 किलोमीटर पीछे हटे हैं . भारत और चीनी सेना 5 मई से आमने सामने है.
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बहरहाल, इस पर अबतक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. बुधवार को दोनों पक्षों ने क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता की है. सूत्रों ने बताया कि साढ़े चार घंटे लंबी चली बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल ने पूर्ण यथास्थिति को बहाल करने और तत्काल प्रभाव से उन इलाकों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया, जिन्हें भारत एलएसी पर अपना मानता है.
Source : News Nation Bureau