रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के नीति निर्माताओं के बीच एक हॉटलाइन से जमीनी स्तर पर समस्याओं को तेजी से सुलझाया जा सकेगा।
डोकलाम में चीन द्वारा एक सड़क के निर्माण को लेकर पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच सीमा पर लगभग 72 घंटों तक चले गतिरोध का जिक्र करते हुए निर्मला ने ऐसे मंचों के निर्माण का आह्वान किया, जहां अधिक बातचीत सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सशक्त नीति निर्माताओं के बीच एक हॉटलाइन होने से किसी संकट के समय बातचीत में समय की बचत होगी।
निर्मला चेन्नई सेंटर फॉर चाइना स्टडीज एंड नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशंस की तरफ से यहां आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रही थीं। संगोष्ठी का विषय था, 'ट्रेंड्स एंड ट्रॉन्सफॉर्मेशंस इन चाइनाज जियो-पॉलिटिक्स, स्ट्रेटजी, सोसायटी एंड बिजनेस'।
और पढ़ें: प्रणब मुखर्जी की फेक फोटो पर RSS का बयान, कहा- बांटने की राजनीति करने वालों की करतूत
निर्मला ने जोर देकर कहा कि चीन के साथ आदान-प्रदान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन में भारत की भागीदारी दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान में वृद्धि करने का एक अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच आदान-प्रदान से दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ होगा और अनौपचारिक बैठकों में भी जोरदार आदान-प्रदान संभव है।
और पढ़ें: प्रणब मुख़र्जी आदरणीय व्यक्ति, संघ सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए करता काम: भागवत
Source : IANS