रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन की आपत्ति जताने के एक दिन बाद मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि उनकी यात्रा प्रेरणा का स्रोत है और इसका उद्देश्य अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों से संबंधित मुद्दों को समझना था।
चीन की आपत्ति पर पूछे गए सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा, 'रक्षामंत्री ने सैनिकों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए अग्रिम क्षेत्र का दौरा किया, ताकि वह उन मुद्दों को समझ सकें, जिसका सैनिक सामना कर रहे हैं और मुझे लगता है कि रक्षामंत्री की यात्रा हमेशा प्रेरणा का स्रोत होती है।'
सेना प्रमुख ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'रक्षामंत्री उन हिस्सों का भी दौरा करेंगी, जहां हमारे सैनिक तैनात हैं। आखिरकार यह रक्षा मंत्रालय ही है, जो हमें सहायता प्रदान कर रहा है।'
चीन ने सोमवार को भारतीय रक्षामंत्री की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विवादित क्षेत्र की यात्रा सीमा पर शांति के लिए अनुकूल नहीं होगी।
चीन का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है, भारत इस दावे को स्वीकार नहीं करता है।
सीतारमण ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति और तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम सैन्य चौकियों और असम में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अड्डे का दौरा किया।
रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, किबितु की अग्रिम सैन्य चौकियों की यात्रा के दौरान, उन्हें एलएसी की स्थिति और रक्षा तैयारियों की जानकारी दी गई। उन्होंने सेना से बातचीत की और ऐसी दूरस्थ एवं अस्थिर इलाके में सेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
सीतारमण ने बाद में चाबुआ हवाईअड्डे का दौरा किया, जहां उन्होंने अड्डे पर परिचालन की तैयारियों और बुनियादी ढांचे के विकास का जायजा लिया।
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HIGHLIGHTS
- सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षामंत्री उन हिस्सों का भी दौरा करेंगी, जहां हमारे सैनिक तैनात हैं
- चीन का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है, भारत इस दावे को स्वीकार नहीं करता है
Source : IANS