रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) दशहरा के मौके पर अपनी शस्त्र पूजा की परंपरा कायम रखेंगे. अंतर सिर्फ इतना होगा कि वो इस बार भारत में नहीं बल्कि फ्रांस (France) में शस्त्र पूजा करेंगे. 8 अक्टूबर को राजनाथ सिंह पहले राफेल फाइटर जेट की पूजा करेंगे इसके बाद शस्त्र पूजा करेंगे. 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस है इसके साथ ही उसी दिन पूरा देश बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा (Dushehra) मना रहा होगा. इस दिन भारत को पहला राफेल फाइटर जेट मिलेगा. रक्षा मंत्री बोर्डिओक्स के पास मेरिनैक में राफेल जेट रिसीव करेंगे और उसमें उड़ान भरेंगे. फिर यहीं पर वो शस्त्र पूजा भी करेंगे.
बता दें कि जब राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गृहमंत्री थे तब भी उन्होंने हर साल शस्त्र पूजा की थी. पिछले साल वो बीएसएफ (BSF) के जवानों के साथ बीकानेर में शस्त्र पूजा की थी.
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गौरतलब है कि भारत (India) ने लड़ाकू जेट निर्माता डसॉल्ट एविएशन के साथ एक अनुबंध किया है, जिसके अनुसार फ्रांस की कंपनी को भारत को 36 राफेल विमान देने हैं. इन्हीं में से एक को प्राप्त करने के लिए रक्षा मंत्री फ्रांस जाएंगे. राजनाथ सिंह अजय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 8 अक्टूबर को फ्रांस से विमान लेने के लिए जाएंगे.
पहले राफेल विमान 20 सितंबर को मिलने वाला था, लेकिन इसमें दो हफ्ते की देरी हो गई. सरकारी सूत्रों का कहना है कि 8 अक्टूबर दो कारणों से महत्वपूर्ण है. उस दिन दशहरा और वायुसेना दिवस दोनों हैं.
नए एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadoria) ने भी कहा था कि राफेल का शामिल होना देश और वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण है. राफेल की तकनीक हमारे लिए गेम चेंजर होगी. एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने आगे कहा कि मौजूदा हालत की चुनौतियों से निपटने के लिए वायुसेना पुरी तरह तैयार है. भदौरिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले चार विमान मई 2020 तक प्राप्त करेगा. तभी हम इन विमानों को भारतीय आसमान में उड़ते देख सकेंगे. अगले वर्ष मई में राफेल विमान प्राप्त करने का फायदा यह है कि तबतक हमारे पायलट प्रशिक्षित हो जाएंगे.
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भदौरिया ने कहा, 'एक पूर्व आपूर्ति निरीक्षण टीम औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पिछले माह फ्रांस में थी. उसी दौरान दस्तावेजों का काम पूरा हो गया था और विमान को आईएएफ द्वारा तकनीकी रूप से स्वीकार कर लिया गया था.'