रक्षा मंत्रालय ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. राफेल दस्तावेज लीक को लेकर हलफनामे में कहा गया है कि इससे देश की सम्प्रभुता के साथ समझौता हुआ है. आज सुबह केंद्र ने इस मामले में हलफनामा दायर करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी, जिसे हरी झंडी मिल गयी. हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार की बिना मंजूरी के संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई. इन दस्तावेजों की अनाधिकृत फोटोकॉपी के जरिये की गई चोरी ने देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और दूसरे देशों के साथ दोस्ताना सम्बधों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसमें आगे लिखा गया है कि राफेल मामले में याचिका के जरिये 2 देशों के बीच समझौते की गोपनीय बातें लीक की गईं है.
हलफनामे के मुताबिक रक्षा मंत्रालय 28 फरवरी को इस मामले में आंतरिक जांच का आदेश दे चुका है, जो इन संजीदा दस्तावेजों की फोटोकॉपी के जरिये हो रही लीक की जांच करेगा. लीक हुए दस्तावेजों में से भी सिर्फ चुनिंदा और आधी जानकारी को ही याचिकाकर्ताओं ने पेश किया है, ताकि कोर्ट को गुमराह किया सके.
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बता दें कि इससे पहले केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि राफेल से संबंधित बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए. केंद्र ने कहा कि ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 दिसंबर को सरकर को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं का हवाला दिया है.
राफेल मामले में अटॉर्नी जनरल ने याचिकाकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- रक्षा मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज चोरी किए गए. उन्हीं के आधार पर 'द हिंदू' अखबार में भ्रामक खबरें छापी जा रही हैं. चोरी कागज़ात के आधार पर याचिका दाखिल की गई. इस मामले पर द हिंदू ने कहा था कि उनके पास लड़ाकू विमान राफेल की खरीद से संबंधी दस्तावेज चोरी के नहीं हैं, उन्हें सूत्रों ने मुहैया कराया है और सूत्रों का खुलासा नहीं किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau