देश की सेना को गोला-बारूद की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति न कर पाने के लिये ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के 13 बड़े अधिकारियों को सरकार बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि रक्षा मंत्रालय ने ऐसी कार्रवाई की है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का प्रबंधन इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सर्विस देखती है और इसमें ग्रुप 'ए 'सेंट्रल सर्विस के अधिकारी होते हैं।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन के तहत आती हैं। देश की 39 फैक्ट्रियों के कर्मचारियों का नेतृत्व 1718 अधिकारी करते हैं।
सूत्रों का कहना है कि सेना को उनकी ज़रूरत के अनुसार गोला-बारूद और हथियारों की आपूर्ति करने की ज़िम्मेदारी इन्हीं अधिकारियों पर होती है। सरकार का कहना है कि इन अधिकारियों ने अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने में कोताही बरती है।
साथ ही सरकार नौकरशाही में 50 वर्ष की उम्र के बाद के अफसरों का मूल्यांकन कर रही है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के इन अधिकारियों की क्षमता का भी नए सिरे से मूल्यांकन किया जा रहा है।
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सरकार का कहना है कि सेना और सुरक्षा बलों को तय समय सीमा के अंदर बेहतर गुणवत्ता के गोला-बारूद मिल सकें इसकी कोशिश की जा रही है और इस दिशा में कई कदम भी उठाए जा रहे हैं।
इन अधिकारियों के सर्विस रेकॉर्ड के आधार पर परफॉर्मेंस की कड़ी स्क्रीनिंग नियमानुसार हो रही है।
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Source : News Nation Bureau