रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को नीरज चोपड़ा को एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी. चोपड़ा, जो भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में एक सूबेदार हैं, उन्होंने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद इतिहास रच दिया, अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय बन गए हैं. ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड में पदक जीतने वाले स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट बनने वाले इक्का भाला फेंकने वाले को बधाई देते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा, ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक अभूतपूर्व है. इतिहास बनाने के लिए उन पर गर्व है. उन्होंने आगे कहा कि ओलंपिक में सूबेदार नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम जीत ने भारतीय सेना के लिए सम्मान लाया है, उन्होंने कहा कि उन्होंने ओलंपिक में एक सच्चे सैनिक की तरह प्रदर्शन किया.
रक्षा मंत्री ने कहा, यह वास्तव में भारतीय सशस्त्र बलों सहित पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है. उन्हें बहुत-बहुत बधाई. भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने और बल के सभी रैंकों ने भी चोपड़ा को उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी. चोपड़ा ने टोक्यो में एक नया मानदंड स्थापित किया, चेक गणराज्य के दो एथलीटों को पोडियम पर रखने के लिए रोक दिया. जैकब वाडलेज ने रजत जबकि पूर्व विश्व चैंपियन विटेजस्लाव वेस्ली ने कांस्य पदक जीता. 2018 में, चोपड़ा एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में भाला फेंक में स्वर्ण जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने.
पीटी उषा ने नीरज को दी बधाई
ओलंपिक चैंपियन बनाने की उम्मीद में बालूसेरी (केरल) के उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स में प्रतिभाओं की देखरेख करने वाली भारत की सबसे प्रसिद्ध स्प्रिंटर्स में से एक पीटी उषा ने नीरज चोपड़ा को भारत के लिए ट्रैक एवं फील्ड में पहला स्वर्ण जीतने के बाद बधाई दी. उषा, जिसे प्यार से 'पायोली एक्सप्रेस' कहा जाता है, ने उस समय दुनिया को एथलेटिक्स में भारत की क्षमता का एहसास कराया था, जब वह 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में एक सेकंड के 1/100वें हिस्से से कांस्य पदक से चूक गई थीं.
धन्यवाद बेटे नीरजः पीटी उषा
अब 57 वर्षीय धावक जिन्होंने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में चार एशियाई स्पर्धाओं के स्वर्ण पदक - 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और 4 गुणा400 मीटर रिले - जीते. इसके अलावा 1982 के एशियाई खेलों में नई दिल्ली में 100 मीटर और 200 मीटर में रजत पदक जीता. जब उन्होंने चोपड़ा के 87.58 मीटर के जबरदस्त थ्रो को देखा तो वह खुद को रोक नहीं सकीं. उषा ने चोपड़ा के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और ट्वीट किया, 37 साल बाद आज मेरे अधूरे सपने को साकार किया. धन्यवाद मेरे बेटे- नीरज.
Source : News Nation Bureau