भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत लेह में 300 पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत की और पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. सिंह ने लेह में अशोक चक्र विजेता नायब सूबेदार (मानद) चेरिंग मुटुप (सेवानिवृत्त) और महावीर चक्र विजेता कर्नल सोनम वांगचुक (सेवानिवृत्त) सहित 300 दिग्गजों के साथ बातचीत की. अपने संबोधन में, सिंह ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूर्व सैनिकों के अद्वितीय समर्पण की सराहना की.
उन्होंने कहा कि दशकों के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना शुरू करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला, पूर्व सैनिकों के कल्याण और संतुष्टि के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य आपकी उसी तरह देखभाल करना है, जैसे आप सभी ने देश की सुरक्षा का ख्याल रखा है. पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए अन्य उपायों को सूचीबद्ध करते हुए मंत्री ने कहा कि पुनर्वास के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें पुनर्वास महानिदेशालय के माध्यम से नौकरी मेले आयोजित करना शामिल है, जिसमें बड़ी संख्या में रोजगार दिया गया.
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए 'डिजिटल इंडिया' के तहत कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं. इनमें टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान करने के लिए 'ई-सेहत' पोर्टल का शुभारंभ, विशेष रूप से चल रहे कोविड -19 महामारी के दौरान और पूर्व सैनिकों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) की शुरूआत शामिल है.
इस दौरान लद्दाख के उपराज्यपाल श्री आर.के. माथुर, लद्दाख से सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे और जनरल ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तरी कमान लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के. जोशी मौजूद थे. इसके बाद राजनाथ सिंह ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों, लेह, कारगिल के निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों से मुलाकात की.
राजनाथ सिंह सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे.
Source : News Nation Bureau