रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से चीन के सैनिकों के वापस जाने के मद्देनजर सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ शुक्रवार को स्थिति की समग्र समीक्षा की. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. रक्षा मंत्री ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समग्र समीक्षा की.
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सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैगोंग सो के फिंगर 4 क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के लिए बनी आपसी सहमति के पहले चरण के क्रियान्वयन पर विस्तृत ब्योरा दिया. उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए क्षेत्र में भारतीय सेना की अभियानगत तैयारियों के बारे में रक्षा मंत्री को जानकारी दी और साथ ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात के अलावा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के सभी संवेदनशील इलाकों में मौजूदा स्थिति के बारे में भी उन्हें अवगत कराया.
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सरकारी सूत्रों ने बताया कि सैनिकों को हटाने का पहला चरण पूरा होने वाला है. ऐसे में दोनों पक्ष अगले सप्ताह की शुरुआत में कमांडर स्तर की चौथे दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं, जिसमें दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा से सैनिकों को पीछे हटाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने अस्थायी कदम के तौर पर गतिरोध वाले तीन इलाकों- गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में तीन किलोमीटर का बफर जोन बनाने का काम पूरा कर लिया है.
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