रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों चुनावी जनसभा में जमकर पाकिस्तान पर हमला बोल रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने आतंकवाद से निपटने को लेकर पाकिस्तान की सहायता की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू पाने में असमर्थ रहता है तो भारत आतंकवाद को रोकने के लिए उसका सहयोग करने को तैयार है. राजनाथ सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान से मेरी ऐसी अपेक्षा है कि यदि वह आतंकवाद का सहारा लेकर भारत को अस्थिर करने का प्रयास करेगा तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. पाकिस्तान को आतंकवाद पर काबू पाना होगा.'
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राजनाथ सिंह ने कहा, 'अगर पाकिस्तान को ऐसा लगता है कि वह आतंकवाद पर काबू पा नहीं सकता है, तो फिर पड़ोसी देश भारत से सहयोग ले सकता है. आतंकवाद को रोकने के लिए भारत हरसंभव सहयोग करने को लेकर तैयार है.'
1975 में लगे आपातकाल और कांग्रेस पार्टी के बारे बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भावुक हो उठे. उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने तानाशाही की इमरजेंसी लगाई वो हम लोगों पर अब तानाशाह होने के आरोप लगा रहे हैं.. मेरी मां को ब्रेन हेम्रेज हुआ था. कांग्रेस की सरकार ने मुझे पेरोल नहीं दिया. मैं अपनी माता जी के क्रियाक्रम में नहीं जा सका.. मेरी मां 27 दिन अस्पताल में रहीं और मुझे जेल में रखा गया. मां को अंतिम वक्त में देखने भी नहीं दिया.'
कोई भी हमारी जमीन पर जमीन पर नहीं कर सकता है कब्जा
क्या चीन की ओर से भारत की जमीन पर कब्जा किया गया है? इस सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार रहते हुए कोई भी एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं जमा सकता है. हम अपनी जमीन को कतई जाने नहीं देंगे. PoK का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'पीओके हमारा था, है और रहेगा.'
चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी
दो दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के कई स्थानों के नाम बदलने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. रक्षा मंत्री के अनुसार, अगर भारत ने इस तरह के प्रयास किए, तो क्या इसका अर्थ यह होगा कि चीन के वह इलाके, "हमारे क्षेत्र का हिस्सा" बन गए हैं.' मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी.
Source : News Nation Bureau