थल सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का केंद्र को निर्देश देने और कमान संभालने की इजाजत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को स्वागत किया. न्यायालय के आदेश से सेना की लगभग 1500 महिला सैन्य कर्मियों के लाभान्वित होने की संभावना है. सिंह ने ट्वीट किया, मैं सशस्त्र बलों में महिला सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का दिल से स्वागत करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन के विचार का समर्थन किया है और 2018 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में नीति में बदलाव की घोषणा की थी.
I wholeheartedly welcome Honble Supreme Court’s judgement on giving the Women officers permanent commission in the Armed Forces. PM Shri @narendramodi has supported the idea of permanent commission for women & announced the change in policy in his Independence Day speech in 2018.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 17, 2020
उल्लेखनीय है कि सैन्य बलों में लैंगिक भेदभाव खत्म करने पर जोर देते हुये उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सेना में महिला सैन्य अधिकारियों के कमान संभालने का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर सारी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाये. सिंह ने कहा कि ‘फील्ड ऑपरेशन’ में महिला सैन्य अधिकारियों को इजाजत देने का पिछली राजग सरकार में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया था जब यह घोषणा की गई थी कि महिलाओं को थल सेना की सैन्य पुलिस में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा, भर्ती प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई. अपराध के मामलों की जांच से लेकर सेना को जरूरत पड़ने पर फील्ड ऑपरेशन में सहायता देने तक में भूमिकाएं निभाने के लिए महिलाओं को भर्ती करने की योजना है.
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रक्षा मंत्री ने कहा, 2019 में रक्षा मंत्रालय ने थल सेना की सिग्नल कोर, खुफिया, उड्डयन, इंजीनियरिंग, सर्विस कोर और आयुध कोर सहित सभी 10 शाखाओं में सैन्य महिलाओं को स्थायी कमीशन प्रदान किया. उन्होंने कहा कि 2016 से पहले महिलाओं की हिस्सेदारी भारतीय सशस्त्र बलों में महज 2.5 प्रतिशत थी, वे मुख्य रूप से गैर लड़ाका भूमिकाओं में काम करती थी. सिंह ने कहा, जनवरी 2019 में थल सेना में महिला सैन्य अधिकारी 3.89 प्रतिशत, जबकि नौसेना में 6.7 प्रतिशत और वायुसेना में 13.28 प्रतिशत महिला कर्मी जून 2019 तक थीं. सेना के तीनों अंगों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) ने मेडिकल, शिक्षा, विधिक, सिग्नल, साजोसामान और इंजीनियरिंग की विधाओं में महिलाओं की स्थायी भर्ती की इजाजत दी है.
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शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए वायुसेना में भर्ती महिला अधिकारियों के पास उड़ान शाखा को छोड़ कर सभी विधाओं में स्थायी कमीशन प्राप्त करने का विकल्प है. थल सेना दो शाखाओं जज एडवोकेट जनरल और शिक्षा- में स्थायी कमीशन की पेशकश करती है. नौसेना और वायुसेना एसएससी के तहत महिला पायलटों की भर्ती करती है. थल सेना एसएससी के तहत महिला अधिकारियों को हवाई रक्षा,इंजीनियरिंग, सिग्नल और सर्विसेज के लिए भर्ती करती है. एसएससी के तहत अधिकारियों को पांच से 14 साल तक की सेवा के लिए कार्यकाल की इजाजत दी जाती है. स्थायी कमीशन उन्हें सेवानिवृत्ति की आयु तक सेवा की इजाजत देता है.