DAC Meeting: केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का टेंडर जारी किया है. आपको बता दें कि विमान बनाने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से खरीद को लेकर टेंडर जारी किया गया है. इन लड़ाकू विमान की खरीद के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में और मजबूत हो जाएगी और शक्ति में इजाफा होगा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस खरीद के लिए भारतीय वायुसेना लगभग 67 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है.
आपको बता दें कि इस खरीद को मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी डीएसी द्वारा की गई है. ये फैसला स्वदेशी तकनीक से लैस हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की स्वीकृति दिए जाने के लगभग चार महीने बाद आया है. परिषद द्वारा हथियार और सिस्टम खरीद को भारत के खरीद नियमों के तहत किया जा रहा है.
3 लड़ाकू विमानों की ऑर्डर पहले ही
इसके साथ ही भारतीय सेना का समझौता जो पाइपलाइन में के बाद दूसरा होगा. जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2021 में 48 हजार करोड़ रुपए में 83 Mk-1A तेजस लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था. इन 83 लड़ाकू विमानों में से पहला वायुसेना को 31 मार्च सप्लाई हो जाना चाहिए था. लेकिन कागजी कार्रवाई की वजह के कारण डिलीवरी में देरी हो गई है. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना को इन सभी विमानों की डिलवरी होने के बाद उसकी ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. इसके साथ ही तेजस स्वदेशी तकनीक से लैस हल्का लड़ाकू विमान है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड तैयार कर रही है.
नासिक में प्लांट सेटअप
जानकारी के मुताबिक 28 मार्च को पहले तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान ने बेंगलुरु में एचएएल हैंगर से अपनी पहली उड़ान भरी थी. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना द्वारा दिए 83 लड़ाकू विमानों ऑर्डर की डिलीवरी साल 2028 तक होने की उम्मीद की जा रही है. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए एचएएल ने स्वदेशी विमान के प्रोडक्शन के लिए नासिक में एक नई फैक्टरी सेटअप की है. यह बेंगलुरु में हर साल 16 तेजस एमके-1ए का निर्माण कर सकता है. वहीं नासिक प्लांट से जरिए एचएएल हर साल 24 जेट तक उत्पादन करने में मदद करेगी.
Source : News Nation Bureau