रक्षा मंत्रालय ने आर्म्ड फ़ोर्सेस को सुनियोजित और अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के लिए एक 'संयुक्त सुरक्षा मसौदा' तैयार किया है। इस मसौदे के अंतर्गत थल, जल और वायुसेना के आपसी तालमेल को बेहतर ढंग से बनाए जाने और प्रभावी ढंग से कार्य करने पर नीति तैयार की गयी है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह मसौदा करीब 80 पन्नों का है, जो औपचारिक रूप से अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। यह मसौदा सीमित बजटीय संसाधन में एकीकृत तरीके से सैन्य शक्ति के प्रयोग और कार्यकारी कुशलता को बढ़ाने के साथ-साथ बड़े सैन्य कार्यों के लिए भी आवश्यक है।
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'भारतीय सशस्त्र सेनाओं के संयुक्त सिद्धांत - 2017' देश में सेना के मामलों में एक सकारात्मक कदम है, जो सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना में सैद्धांतिक, प्रशिक्षण, योजना, खरीद और संचालन पर विभिन्न दिशाओं में समन्वय की कमी को दूर करने की दिशा में कार्य करेगा।
सूत्रों के अनुसार इस मसौदे से राष्ट्रीय सुरक्षा परिपेक्ष्य के अलावा इसे एक राष्ट्रीय शक्ति के रूप में उपयोग किया जा सकता है जो 'बाहरी और आंतरिक ख़तरों' और 'पारंपरिक और गैर पारंपरिक ख़तरों' के निपटारे में सहायक होगा।
लंबे समय से प्रतीक्षित त्रिकोणीय सैन्य सेवा संगठनों को अंतरिक्ष, साइबर स्पेस और स्पेशल फोर्सेस के कार्य अब भी राजनीतिक-नौकरशाही उदासीनता के कारण अटके हुए हैं।
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Source : News Nation Bureau